समुचित मात्रा में करें खाद का प्रयोग
जासं, भभुआ (कैमूर) : धान की रोपाई कर चुके किसान खाद का प्रयोग समुचित मात्रा में करे तभी पैदावार अच्छी होगी। साथ ही खेतों में उग आये खर पतवार के नियंत्रण के लिए दवा का छिड़काव जरूरी है। जिला कृषि पदाधिकारी एम पी सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में जिन किसान भाइयों की धान की फसल होगी वे 40 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से यूरिया की (टापड्रेसिंग) छिड़काव कर सकते है। क्योंकि अधिक यूरिया का प्रयोग करने से धान की निकलने वाली नई जड़े अपनी क्षमता के अनुसार अव शोषण करती है। इसलिए आरम्भिक अवस्था में अधिक नाईट्रोजन का प्रयोग ठीक नहीं है। उन्होंने बताया कि इसके बाद 25 से 30 दिन के अंतराल पर जब धान में अंकुर निकलने लगे तो उस समय 50 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर यूरिया का छिड़काव करना चाहिए। ताकि कव्ले स्वस्थ रहकर अधिक से अधिक वृद्घि कर सके। पुन: रोपाई के 55 से 60 दिन के बाद अथवा फसल के रेड़ाई स्थिति में आने पर 50 किलो ग्राम यूरिया का प्रयोग कर सकते है। उन्होंने कहा कि इससे अनावश्यक उर्वरक की खपत पर रोक लगेगी एवं धान की भरपूर उपज कम लागत में अधिक प्राप्त होगी।
खर पतवार पर नियंत्रण
जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि किसान भाई खेतों में उग आये चौड़ी एवं शकरी पत्ती वाले खर पतवार के नियंत्रण के लिए टू फोर सिडिएम साल्ट 625 एवं पाइराजो सल्फ्यूरस 80 ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव खरपतवार पर नियंत्रण कर सकते हैं।