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पेयजल क ो ले ग्रामीण त्रस्त, विभाग मस्त

By Edited By: Published: Thu, 24 Apr 2014 06:52 PM (IST)Updated: Thu, 24 Apr 2014 06:52 PM (IST)
पेयजल क ो ले ग्रामीण त्रस्त, विभाग मस्त

संस भभुआ(कैमूर) : चढ़ते पारा का कहर जारी है। ऐसे में लोगों की प्यास बुझाने का जिम्मा लिये लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग बेपरवाह नजर आ रहा है। एक तरफ लोग प्यास बुझाने के लिए त्रस्त हैं, वहीं दूसरी ओर लोग सरकारी धन के दुरुपयोग होने की भी बात कहते हैं।

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विदित हो कि विभाग द्वारा लगाये गये कई चापाकल वर्षो से बंद पड़े हैं। कहीं कहीं तो आलम यह है कि करीब 60 हजार रुपये की अनुमानित लागत से लगने वाले चापाकल लगने के साथ ही बंद हो गये। ऐसे कई मामले हैं जहां विभाग की नजर नहीं है।

सदर प्रखंड क्षेत्र के मिरिया पंचायत के सौरीडीह गांव में लगा बड़ा चापाकल लगने के साथ ही बंद हो गया। ग्रामीण धर्मेन्द्र कुमार एवं अन्य की माने तो पेयजल को सुलभ कराने में सरकारी धन के काफी मात्रा में व्यय होने के बावजूद आपूर्ति ठप है। बताया गया इस संबध में विभाग को कई बार अवगत कराया गया है। यही हाल महुआरी गांव के सामुदायिक भवन व देवी स्थान के समीप लगे बड़े चापाकल का है। लोग दूर से पानी लाने के लिए मजबूर हैं। पेयजल को ले विभाग की शिथिलता का आलम यह है कि नगर के कचहरी स्थित बार एसोसिएशन भवन में पीएचईडी द्वारा लगाया गया चापाकल महीनों से खराब है। एसोसिएशन के अध्यक्ष शिवशंकर प्रसाद अग्रवाल ने कहा कि इस बार में कई आवेदन विभाग को दिया गया जिसकी सूचना जिलाधिकारी को भी दी गई है। डीएम के सख्त निर्देश के बावजूद विभाग ने अभी तक कोई सक्रियता नहीं दिखाई। यह तो महज उदाहरण है। ऐसे कई मामले हैं जहां वर्षो से चापाकल बंद पड़े हैं, लेकिन विभाग इनकी सुध नहीं ले रहा है।


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