आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को ले किया सड़क जाम
जमुई। शुक्रवार को सारेबाद पंचायत के ग्रामीणों ने सोनो-चकाई मुख्य पथ को सोनो चौक पर जाम कर दिया।
जमुई। शुक्रवार को सारेबाद पंचायत के ग्रामीणों ने सोनो-चकाई मुख्य पथ को सोनो चौक पर जाम कर दिया। तहबला गांव में हुई तीन हत्याओं के बाद भी छुट्टे घूम रहे अपराधियों द्वारा पीड़ित परिवार को दी जा रही धमकियों से पुलिस-प्रशासन को अवगत कराने तथा आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को ले ग्रामीणों ने शव के साथ सड़क जाम किया था। बता दें कि सोमवार को कातिलाना हमले में गंभीर रूप से जख्मी अखिलेश यादव की गुरुवार को पटना में उपचार के दौरान मौत हो गई। पटना से उसका शव गुरुवार रात गांव तहबला लाया गया। शुक्रवार सुबह आठ बजे शव के साथ ग्रामीणों ने सोनो चौक पर जाम कर दिया। उग्र भीड़ ने पुलिस-प्रशासन मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। मौके पर सोनो थानाध्यक्ष अर¨वद कुमार, चरकापत्थर थानाध्यक्ष दीपक कुमार, बीडीओ पंकज कुमार, सीओ जयराम प्रसाद ¨सह सहित झाझा पुलिस निरीक्षक पवन कुमार सदल-बल पहुंचे। आक्रोशित ग्रामीण डीएम-एसपी को बुलाने की मांग कर रहे थे। तकरीबन दो घंटे बाद एसडीपीओ झाझा विनोद कुमार रावत जाम स्थल पर पहुंचे। आक्रोशित ग्रामीणों की मांग पर उन्होंने तीन से चार दिन के भीतर आरोपितों के घर की कुर्की-जब्ती करने का भरोसा दिया। एसडीपीओ तथा सीओ ने तीनों मृतकों के परिवार को पारिवारिक लाभ योजना के तहत 20-20 हजार रुपये का चेक दिया। साथ ही कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत तीन-तीन हजार रुपये दिए जाने का निर्देश संबंधित पंचायत सचिव को दिया गया।
ग्रामीणों ने मांग की कि मामले का मास्टर माइंड अनिल यादव अभी भी छुट्टा घूम रहा है। उसके मोबाइल का कॉल डिटेल निकाला जाए ताकि यह पता लग सके कि घटना के दिन वह किस-किस के संपर्क में था। दो से ढाई घंटे तक जाम रहने से सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई थी। बता दें कि जमीन विवाद में 14 अगस्त को सारेबाद पंचायत के तहबला गांव में एक ही परिवार पर हुए कातिलाना हमले में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है। उक्त घटना में दो सगे भाई सरयू यादव व भरत यादव की मौत 14 अगस्त को ही जख्मी हालत में हो गई थी, जबकि अखिलेश की मौत गुरुवार को पटना में हो गई।