विद्युतीकरण में पिछड़ा जमुई
जमुई। विद्युतीकरण के मामले में बिहार की कामयाबी को उड़ान देने में जमुई बाधक बना है।
जमुई। विद्युतीकरण के मामले में बिहार की कामयाबी को उड़ान देने में जमुई बाधक बना है। इसका खुलासा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा विभाग की समीक्षा के उपरांत हुआ है। समीक्षा के बाद मुख्य सचिव अंजनी ¨सह द्वारा दी गई जानकारी के मुताबक बिहार के सिर्फ 477 गांव में ही विद्युतीकरण का कार्य शेष रह गया है। इधर जमुई के आंकड़ों पर गौर करें तो यहां 472 गांवों को रोशन करने का काम बाकी है। हालांकि स्थानीय स्तर पर विभाग के अधिकारी मुख्य सचिव द्वारा जारी आंकड़े पर यकीन नहीं कर पा रहे हैं लेकिन कुछ भी स्पष्ट बोलने से परहेज कर रहे हैं। अलबत्ता जमुई के जिलाधिकारी डॉ. कौशल किशोर विद्युत विभाग की समीक्षा और जिले में विद्युतीकरण की अद्यतन रिपोर्ट से अनभिज्ञ हैं।
सरकार ने समीक्षा के उपरांत जो आंकड़ा पेश किया है उसके मुताबिक बिहार में 39073 गांवों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिसके विरुद्ध 38596 गांवों को रोशन किया जा चुका है। 98.8 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिए जाने के बाद राज्य के 477 गांवों में बिजली पहुंचाने का काम बाकी रह गया है जिसे दिसम्बर तक पूरा कर लिया जाएगा।
कार्यपालक अभियंता परियोजना अजय कुमार ने बताया कि जमुई में 1272 गांवों को रोशन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिसके विरूद्ध 800 गांवों में विद्युतीकरण का कार्य कर लिया गया है। बाकी बचे काम को दिसम्बर तक पूरा कर लिया जाएगा। सिमुलतला पावर सबस्टेशन से आपूर्ति शुरू होने में वन विभाग से 33 हजार केवीए तार खींचने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र अड़चन बना हुआ है।
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कोट
विद्युतीकरण से वंचित गांवों का आंकड़े उनके संज्ञान में नहीं है।
डॉ. कौशल किशोर, डीएम जमुई