भू-विवाद में चौथे शिकार बने राजस्व कर्मचारी अम्बिका
जमुई। सामान्य सा दिखने वाला राजस्व कर्मचारी की हत्या के इस मामले में जांच के साथ परत दर परत ¨हसा और प्रति¨हसा का परिणाम दिखने लगा है।
जमुई। सामान्य सा दिखने वाला राजस्व कर्मचारी की हत्या के इस मामले में जांच के साथ परत दर परत ¨हसा और प्रति¨हसा का परिणाम दिखने लगा है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार जमुई से सटे नवादा जिला के मनियातरी गांव निवासी अम्बिका यादव और उनकी पत्नी कौआकोल पूर्वी भाग से जिला परिषद सदस्य रहे थे। भूमि विवाद को लेकर उनके एक पुत्र और बहन की भी हत्या हो चुकी है। इस मामले में शेखर यादव का नाम आया था। बाद में शेखर यादव की भी हत्या हो गई और उस हत्या में अम्बिका यादव भी नामजद थे। अनौपचारिक शिक्षा से कोर्ट के निर्णय के बाद उम्र के अंतिम दौर में नौकरी के लिए आए और नौकरी पूरी कर रिटायर्ड होने के बाद दोबारा संविदा पर अम्बिका यादव अलीगंज प्रखंड के अलीगंज और कोदवरिया पंचायत के राजस्व कर्मचारी के रूप में कार्य कर रहे थे। भूमि विवाद में अब तक एक पक्ष के अम्बिका यादव सहित तीन लोगों की हत्या हो चुकी है।
गौरतलब हो कि नौकरी में आने से पूर्व अम्बिका यादव नवादा जिले के कौआकोल क्षेत्र से वर्ष 2001 में जिला परिषद सदस्य चुने गए। इसके बाद उनकी पत्नी हेमा यादव 2006 में जिला परिषद सदस्य बनी। इस दौरान ही गांव के ही शेखर यादव से जमीन विवाद शुरू हुआ जो ¨हसा की ओर अग्रसर हो गया। एक के बाद एक हत्या दर हत्या का दौर चला और अम्बिका यादव की भी हत्या हो गई। यद्यपि अब तक अम्बिका के हत्यारे जिसे ग्रामीणों ने पीट-पीटकर मार डाला उसकी भी पहचान नहीं हो पाई है। गंगटी गांव में छिपा दूसरे अपराधी की गिरफ्तारी के बाद ही यह भेद खुल सकेगा कि इस हत्या के पीछे कौन है और हत्या का कारण क्या है। बहरहाल, घटना का कारण भले ही भू-विवाद और नवादा जिले से जुड़ा है लेकिन हत्या के बाद अपराधियों की सक्रियता और विधि-व्यवस्था को लेकर जमुई प्रशासन कठघरे में है। वहीं एसपी जयंतकांत ने कहा कि अपराधियों की गिरफ्तारी शीघ्र की जाएगी।