आदेश के 40 दिन बाद भी गबन मामले में दर्ज नहीं हुई प्राथमिकी
जमुई। योजनाओं में गबन के मामले में प्रशासन कार्रवाई के प्रति कितना गंभीर है, इसका नायाब उदाहरण सामने आया है।
जमुई। योजनाओं में गबन के मामले में प्रशासन कार्रवाई के प्रति कितना गंभीर है, इसका नायाब उदाहरण सामने आया है। मामला बीआरजीएफ की राशि से ली गई योजना में बगैर कार्य किए राशि का गबन से जुड़ा है। लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने 4 जुलाई को मामले में आरोप की पुष्टि होने तथा संबंधित व्यक्तियों व कर्मचारियों के विरुद्ध विधिसम्मत कानूनी कार्रवाई का आदेश दिया था। साथ ही एक माह के भीतर की गई कार्रवाई का प्रतिवेदन निवारण केन्द्र को उपलब्ध कराने का आदेश पारित किया था।
-------------
क्या था मामला
जिले के लक्ष्मीपुर प्रखंड अंतर्गत खिलार पंचायत में बीआरजीएफ योजना अंतर्गत शिवसोना गांव में गंगा साव के घर के पास 2,74,200 तथा इतनी ही राशि से सुंदरटांड़ गांव में पप्पू भगत के बासा के पास चौपाल का निर्माण होना था। योजना संख्या 2 व 3 वित्तीय वर्ष 2012-13 में बगैर कोई निर्माण किए राशि की निकासी कर ली गई। इसकी शिकायत जिले के अधिकारियों से लेकर लोक शिकायत निवारण केन्द्र तक में की गई। जांचोपरांत शिकायत सही पाया गया।
------------
डीडीसी ने दिया मुकदमा का आदेश
डीडीसी सतीश कुमार शर्मा ने लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के पारित आदेश के आलोक में दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध प्रशासनिक एवं अन्य कार्रवाई किए जाने का आदेश लक्ष्मीपुर बीडीओ को दिया है।
---------------
प्रभारी बीडीओ नहीं कर सकते मुकदमा
लक्ष्मीपुर के प्रभार में गिद्धौर बीडीओ विकास कुमार ने कहा कि प्रभारी बीडीओ मुकदमा नहीं कर सकते हैं। उन्होंने आवश्यक कार्रवाई के लिए पंचायत राज पदाधिकारी कैलाश प्रसाद को निर्देश दिया है। लक्ष्मीपुर थानाध्यक्ष दूबे देवगुरु ने कहा कि खिलार पंचायत में गबन से संबंधित कोई बीडीओ द्वारा दर्ज नहीं कराया गया है।
-----------------
घोटाले को किया था उजागर
सुंदरटांड़ ग्रामवासी नंदलाल यादव ने खिलार पंचायत में विभिन्न योजनाओं में हो रही अनियमितता को लेकर आवाज उठाई थी। सबसे पहले उसने लक्ष्मीपुर बीडीओ से लेकर डीडीसी और डीएम तक योजनाओं में गड़बड़ी की शिकायत की थी। बाद में लोक शिकायत निवारण केन्द्र में परिवाद दायर कर मामले में कार्रवाई की गुहार लगाई। निवारण केन्द्र की सक्रियता से दो योजनाओं में गबन के आरोप की पुष्टि हुई।