.मार दलके दुश्मनमे हो रजवा के
जमुई। जमीनमा हड़पे ले मार दलके दुश्मनमे हो हमर रजवा के। यह चित्कार भरत यादव की पत्नी सरिता देवी की है।
जमुई। जमीनमा हड़पे ले मार दलके दुश्मनमे हो हमर रजवा के। यह चित्कार भरत यादव की पत्नी सरिता देवी की है। शव के पास बेसुध पड़ी सरिता के चित्कार से सदर अस्पताल का माहौल गमगीन हो गया। पुत्री पूनम भी दहाड़ मार रही थी। पूनम बताती है कि सात कट्ठा जमीन को लेकर उसके पिता और चाचा का पड़ोस के लोगों से विवाद चला आ रहा था। उक्त जमीन पर शुरू से ही मेरे परिवार के लोग जोत-आबाद कर रहे हैं और जमीन का कागज भी है, जबकि पड़ोस के ही अनिल यादव, ब्रह्मादेव यादव व आशो यादव सहित अन्य ने जबरन कब्जा जमाना चाहता है। इसी को लेकर इन लोगों ने मेरे पिता और चाचा की हत्या कर दी। उसने आगे बताया कि मैं अपने ससुराल में थी। घटना की जानकारी मिली तो तहबला अपने घर पहुंचा तो देखा कि परिवार के सभी पुरुष बुरी तरह से जख्मी हैं। इधर घटना की जानकारी मिलने के बाद मृतक सगे भाई सरयुग यादव व भरत यादव के कई रिश्तेदार सदर अस्पताल पहुंचे थे। सभी की आंखों से आंसू छलक रहे थे।