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अनियमितता के विरोध में पंसस का प्रखंड मुख्यालय के समक्ष धरना

जमुई। प्रखंड के पंचायत समिति सदस्यों ने बुधवार को प्रमुख रेणु देवी के नेतृत्व में आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका चयन में अनियमितता का आरोप लगाते हुए प्रखंड कार्यालय के समक्ष धरना दिया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Aug 2017 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 17 Aug 2017 03:00 AM (IST)
अनियमितता के विरोध में पंसस का प्रखंड मुख्यालय के समक्ष धरना
अनियमितता के विरोध में पंसस का प्रखंड मुख्यालय के समक्ष धरना

जमुई। प्रखंड के पंचायत समिति सदस्यों ने बुधवार को प्रमुख रेणु देवी के नेतृत्व में आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका चयन में अनियमितता का आरोप लगाते हुए प्रखंड कार्यालय के समक्ष धरना दिया। मौके पर प्रमुख रेणु देवी ने कहा कि बाल विकास परियोजना पदाधिकारी का स्थानांतरण हो चुका है। बावजूद क्षेत्र वार पर्यवेक्षिका को सीडीपीओ द्वारा मनमाने तरीके से दबाव डालकर वार्ड सभा का आयोजन कराया गया। इसकी सूचना ग्रामीणों को नहीं दी गई। साथ ही वहीं सभा कर प्रस्तावित मंजूरी दी गई। प्रमुख ने इसकी जांच कराने की मांग की है। उपप्रमुख रणवीर ¨सह ने कहा कि बाल विकास परियोजना पदाधिकारी द्वारा मनमाने तरीके से की गई बहाली में कई अनियमितताएं हैं। इसके आड़ में अभ्यर्थियों से पैसे की भी वसूली की गई है। इससे पूर्व पंसस सदस्यों ने प्रखंड कार्यालय के मेन गेट पर ताला जड़ दिया। इस कारण बीडीओ, सीओ सहित अन्य पदाधिकारियों को बाहर ही समय गुजारना पड़ा। अपने काम को लेकर प्रखंड कार्यालय आए लोगों को भी धरना के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा। बाद में अनुमंडल पदाधिकारी सुरेश प्रसाद मौके पर पहुंचे। उन्होंने धरना पर बैठे लोगों की मांगों को सुना। साथ ही कहा कि अनियमितता की जांच की जाएगी। मामला सही पाए जाने पर सेविका-सहायिका की बहाली को रद किया जाएगा।

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साजिश के तहत लगाए जा रहे आरोप

खैरा : बाल विकास परियोजना की पर्यवेक्षिका सोनी ¨सह, सुधा रानी, प्रीति ¨सह, अर्चना ¨सह, भारती ¨सह ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि दुर्भावना से ग्रसित होकर प्रमुख रेणु देवी व उपप्रमुख रणवीर ¨सह व कुछ पंसस नियम के विरुद्ध बहाली करने, अपने रिश्तेदारों को गलत तरीके से बहाल करने के लिए महिला पर्यवेक्षिका व सीडीओ पर दबाव बनाया जा रहा था। उनकी बातों को अनसुनी करने पर साजिश के तहत झूठा आरोप लगाया जा रहा है। चयन में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं की गई है। सेविका-सहायिका के चयन में सीडीपीओ की कोई भूमिका नहीं है।


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