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बेटे की सलामती की दुआ करते-करते थम गई सांसें

जमुई। पिता के दिल में उसकी संतान के लिए कितनी जगह होती है, इसका उदाहरण सोमवार को सोनो अस्पताल में दिखा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Aug 2017 03:01 AM (IST)Updated: Tue, 15 Aug 2017 03:01 AM (IST)
बेटे की सलामती की दुआ करते-करते थम गई सांसें
बेटे की सलामती की दुआ करते-करते थम गई सांसें

जमुई। पिता के दिल में उसकी संतान के लिए कितनी जगह होती है, इसका उदाहरण सोमवार को सोनो अस्पताल में दिखा। खून से लथपथ 60 वर्षीय भरत यादव को खुद के जख्म की उतनी ¨चता नहीं थी जितना वह अपने इकलौते बेटे नवीन को लेकर ¨चतित थे। दरअसल, सारेबाद के तहबला गांव में भूमि विवाद के दौरान आठ लोगों पर जानलेवा हमला करते हुए उन्हें गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। भरत यादव व उनके इकलौते बेटे नवीन भी इस घटना में गंभीर रूप से जख्मी हुए। सोमवार को अस्पताल में जब भरत का उपचार किया जा रहा था तब उसकी आंखें बार-बार अपने बेटे नवीन को ढूंढ रही थी। उधर अलग कक्ष में डॉक्टरों द्वारा नवीन का उपचार किया जा रहा था। इसी दौरान भरत यादव ने बेटे का हाल जानना चाहा। परिवार वालों ने बताया कि वह ठीक है। इतना सुनते ही खून से लथपथ भरत यादव की आंखों में पानी भर आया और देखते ही देखते उनकी सांसें थम गई। पिता की मौत की खबर जख्मी नवीन को नहीं दी गई। उसे जमुई रेफर कर दिया गया। इधर भरत यादव की पत्नी सरीता देवी फर्श पर दहाड़ें मार कर रो रही थी। पति की मौत का सदमा झेल रही सरीता रो-रोकर भगवान को कोस रही थी कि हे भगवान सुहाग तो छीन लिया इकलौते बेटे को सलामत रखना।


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