मनोज की मौत से परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
जमुई। सोमवार को मनोज का शव चन्द्रमंडीह थाना के असहना गांव स्थित उसके पैतृक घर पर पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया।
जमुई। सोमवार को मनोज का शव चन्द्रमंडीह थाना के असहना गांव स्थित उसके पैतृक घर पर पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक मनोज यादव 27 वर्ष एक सप्ताह पूर्व ही घर से चेन्नई कमाने के लिए गया था। जहां सड़क दुर्घटना में उसकी मौत हो गई। मनोज चेन्नई में वाहन चलाकर घर परिवार चलाता था। उसकी मौत से पूरा परिवार सदमें में है। सोमवार को मनोज का शव गांव पहुंचते ही परिजन व सगे संबंधी दहाड़ मारकर रोने लगे। पत्नी रंजु देवी पति के शव से लिपटकर दहाड़ मारकर रो रही थी। वह बिलख-बिलख कर सिर्फ इतना ही बोल पा रही थी कि उसकी ¨जदगी बर्बाद हो गई। अब कैसे उसका घर परिवार चलेगा। कौन उसके बच्चे की पढ़ाई और बूढ़े-मां बाप की दवाई का खर्च उठाएगा। वहीं बूढ़ी मां सुमा देवी और पिता राजेन्द्र यादव बेटे की मौत से बेसुध पड़े हुए थे। ग्रामीण लगातार परिजन को हिम्मत बंधा रहे थे। वहीं तीन वर्षीय पुत्र शिवम और मात्र 15 दिन के पुत्र सत्यम को यह पता भी नहीं था की उसके पापा अब इस दुनिया में नहीं है। एकमात्र छोटा भाई चंदन भी बार बार बेहोश हुए जा रहा था। ग्रामीणों ने बताया कि मनोज ही घर का कमाउ सदस्य था। उसकी कमाई से ही घर चलता था। बीते 14 मई को वह चेन्नई गया था। 18 मई को सूचना मिली की मनोज की मौत सड़क दुर्घटना में हो गई है। उसके बाद परिजन शव लाने के लिए वहां गए थे। इधर बड़ी संख्या में ग्रामीण व सगे संबंधी घर पहुंचकर परिजन को हिम्मत बंधा रहे थे।