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वार्ड पार्षद ले रहीं है क्लास

जमुई। अमूमन नगर व पंचायत प्रतिनिधियों की बात आते ही लोगों के मानस पटल पर नकारात्मक छवि उभर आती है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Aug 2017 03:01 AM (IST)Updated: Tue, 15 Aug 2017 03:01 AM (IST)
वार्ड पार्षद ले रहीं है क्लास
वार्ड पार्षद ले रहीं है क्लास

जमुई। अमूमन नगर व पंचायत प्रतिनिधियों की बात आते ही लोगों के मानस पटल पर नकारात्मक छवि उभर आती है। ऐसे में जब कोई वार्ड पार्षद सरकारी विद्यालय में शिक्षकों की कमी दूर करने की कोशिश कर रहा हो तो आप क्या कहेंगे। हम बात कर रहे हैं जमुई नगर परिषद के वार्ड परिषद क्षेत्र संख्या 9 से निर्वाचित वार्ड पार्षद संजना ¨सह की। वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के मध्य विद्यालय हांसडीह में शिक्षिका की भूमिका निभा रही हैं। लिहाजा यहां पदस्थापित शिक्षक भी नियमित तौर पर निश्चित समय से आते हैं। उनका यह कदम बगैर कुछ कहे शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर करारा प्रहार है।

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मायके में भी देती थी मुफ्त शिक्षा

छत्रपति साहू जी महाराज यूनिवर्सिटी कानपुर से हिन्दी में एमए संजना एक वर्ष पूर्व हांसडीह निवासी रजनीकांत से शादी के बाद जमुई की बहू बनीं। इसके पूर्व उनके ससुर नारायण मंडल लगातार दस साल से वार्ड संख्या 9 के प्रभाग आयुक्त रहे हैं। शहरी परिवेश में कानपुर के कुजैनीनगर में पली बढ़ी संजना शादी से पहले भी बच्चों को मुफ्त शिक्षा देती रही हैं।

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जिम्मेवारी मिलते ही संभाली कमान

वार्ड पार्षद की जिम्मेवारी मिलते ही उन्होंने विद्यालय जाकर पढ़ाई का जायजा लेने की कोशिश की। इस दौरान उन्हें जानकारी मिली की मध्य विद्यालय हांसडीह के तीन शिक्षक प्रशिक्षण में गए हैं। परिणामस्वरूप बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। यह सुनते ही संजना ने क्लास लेने की ठानी और विद्यालय में बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दी।

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सार्थक प्रयास की हो रही प्रशंसा

24 साल की संजना के सार्थक प्रयास की हर कोई सराह रहा है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक संजय ¨सह कहते हैं कि शिक्षित समाज निर्माण के दिशा में उनका प्रयास मील का पत्थर साबित होगा। शिक्षक नवीन ¨सह, संजीव मिश्रा, सुमन कुमार, आशुतोष ¨सह संजना के प्रयास की सराहना करते हैं।

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पढ़ाने की शैली का बच्चे बने मुरीद

विद्यालय के बच्चे सुभाष, सचिन, सोनी, वंदना, राखी, आर्यन, अंजली, सीता, गीता व अमरजीत बताते हैं कि संजना मेम जब से पढ़ाने लगी हैं तबसे ज्यादा बच्चे विद्यालय आने लगे हैं। वो जब पढ़ाती हैं तब पाठ समझना आसान हो जाता है।

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शिक्षित समाज का सपना

संजना कहती हैं कि शिक्षा ही समाज में व्याप्त विसंगतियों से निजात पाने का एकमात्र विकल्प है। शिक्षित समाज के निर्माण में हर किसी को पहल करने की जरूरत है।


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