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शुल्क वसूली में अव्वल, पार्किग की व्यवस्था फिसड्डी

जमुई। पार्किंग शुल्क वसूली के मामले में जमुई शहर में नगर परिषद की दादागिरी चलती है। सुनन

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Mar 2017 05:15 PM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2017 05:15 PM (IST)
शुल्क वसूली में अव्वल, पार्किग की व्यवस्था फिसड्डी
शुल्क वसूली में अव्वल, पार्किग की व्यवस्था फिसड्डी

जमुई। पार्किंग शुल्क वसूली के मामले में जमुई शहर में नगर परिषद की दादागिरी चलती है। सुनने में भले अटपटा लग रहा हो लेकिन यह सौ फीसदी सच है। नगर परिषद क्षेत्र में पांच टैक्सी-मैक्सी व रिक्शा-ठेला-टमटम स्टैंड की नीलामी विभाग द्वारा की जाती है। इस नीलामी से विभाग को तकरीबन तीस लाख रुपये की आमदनी होती है। व्यवस्था की बात करें तो सिर्फ जमुई टैक्सी स्टैंड जो झाझा बस स्टैंड के नाम से जाना जाता है, के पास ही पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है। बाकी तमाम टैक्सी-मैक्सी स्टैंड पथ निर्माण विभाग की जमीन पर सड़क किनारे कायम है। स्थिति यह है कि पार्किंग स्थल बना नहीं और पार्किंग शुल्क वसूल किया जा रहा है। सड़क किनारे वाहनों को खड़ा कर पार्किंग जोन बनाए जाने से अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है। महत्वपूर्ण बात तो यह है कि बोधवन तालाब और कचहरी चौक व महिसौड़ी चौक स्थित स्टैंड एनएच-333 पर ही है। एनएच-333 पर भारी वाहनों का दबाव होता है। लखीसराय रोड में भी झारखंड से उत्तर बिहार जाने वाली वाहनों का भारी दबाव होता है।

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टैक्सी-मैक्सी स्टैंड बोधवन तालाब

बोधवन तालाब स्थित टैक्सी-मैक्सी स्टैंड की बंदोबस्ती पांच लाख पांच हजार रुपये में हुई है। इस स्टैंड का दायरा बोधवन तालाब चौक पर चारों दिशा में जाने वाली मार्गों तक है। यहां सड़क किनारे दोनों ओर बेतरतीब तरीके से दर्जनों की संख्या में ऑटो का पार्किंग होता है। बोधवन तालाब इलाके से गुजरने के लिए आम लोगों को जाम का सामना करना पड़ता है। दोपहिया वाहनों को भी वहां से निकलने में काफी वक्त जाया होता है। यहां एक और स्टैंड रमेश भालोटिया तेल गोदाम के सामने वजूद में है। इसकी नीलामी से भी नगर परिषद को एक लाख 95 हजार की आमदनी हुई। यहां भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं है।

महिसौड़ी बस स्टैंड

महिसौड़ी बस स्टैंड यूं तो जिला परिषद के अंतर्गत आता है। यहां पार्किंग के लिए पार्किंग स्थल बनाया भी गया है लेकिन वाहनों की संख्या के लिहाज से काफी छोटा है। यहां महिसौड़ी चौक से लेकर पेट्रोल पम्प तक सड़क किनारे दोनों ओर ऑटो की पार्किंग से आम वाहनों को गुजरने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जाम की स्थिति इतनी भयावह होती है कि जाम से निपटने के लिए महिसौड़ी चौक पर पुलिस बल की तैनाती है।

लखीसराय बायपास रोड टैक्सी-मैक्सी स्टैंड

लखीसराय बायपास रोड टैक्सी-मैक्सी स्टैंड में भी अन्य की तरह पार्किंग स्थल नहीं है। यहां भी पीडब्लूडी सड़क किनारे वाहनों की पार्किंग होती है। इस स्टैंड की नीलामी से नगर परिषद को लगभग पांच लाख रुपये की आमदनी वित्तीय वर्ष 2017-18 में होनी है।

कचहरी चौक स्थित टैक्सी-मैक्सी स्टैंड

कचहरी चौक स्थित टैक्सी-मैक्सी स्टैंड को नगर परिषद के अभिलेख में अपर समाहर्ता आवास के सामने जमुई-मलयपुर ट्रेकर-टैम्पू स्टैंड के नाम से जाना जाता है। इसकी नीलामी से भी विभाग को लाखों रुपये की आमदनी प्रतिवर्ष होती है। यहां भी ऑटो की पार्किंग पथ निर्माण विभाग की सड़क के किनारे कचहरी चौक से लेकर राजकीय बस डीपो तक फैला रहता है।

- महिसौड़ी के राजकुमार साव कहते हैं कि महिसौड़ी से सिकन्दरा, लखीसराय, नवादा, शेखपुरा, बिहार शरीफ समेत अन्य जगहों के लिए बसों का परिचालन होता है। इसके अलावा बड़ी संख्या में यहां से विभिन्न मार्गों के लिए ऑटो का परिचालन होता है। इस कारण सरकार द्वारा बनाया गया स्टैंड वाहनों की संख्या के सामने छोटा पड़ रहा है।

- अलीगंज निवासी रामेश्वर प्रसाद कहते हैं कि स्टैंड सड़क पर रहने से आने-जाने वाले वाहनों पर सवार लोगों के साथ-साथ आम यात्रियों को भी परेशानी होती है। हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। स्टैंड व्यवस्थित नहीं होने के कारण यात्रियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

- लोहरा के मो. इरफान कहते हैं कि शहर में पर्याप्त जगह देखकर सभी स्टैंड को एक जगह किया जाना चाहिए। इससे यात्रियों को सुविधा होगी। साथ ही सड़कों पर वाहनों की पार्किंग बंद हो जाएगी जिससे सड़क पर परिचालित अन्य वाहनों को आने-जाने में सुविधा होगी।

- प्रमोद कुमार पम्पी शहर में पार्किंग की व्यवस्था किए बगैर पार्किंग शुल्क की वसूली को नगर परिषद की दादागिरी बताते हैं। वे कहते हैं कि बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के पास काफी जमीन है। यहीं से सभी मार्गों के लिए वाहन परिचालन की व्यवस्था किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि महिसौड़ी में बृहत पैमाने पर पार्किंग स्थल का निर्माण के लिए बिजली ऑफिस के समीप अवस्थित आहर में परियोजना भी तैयार किया गया था लेकिन धरातल पर नहीं उतर सका।


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