सादगी व सरलता की मूरत थे स्व. हीराजी
जमुई। सादगी व सरलता की मूरत माने जाते थे भूतपूर्व विधायक सुशील कुमार ¨सह उर्फ हीराजी।
जमुई। सादगी व सरलता की मूरत माने जाते थे भूतपूर्व विधायक सुशील कुमार ¨सह उर्फ हीराजी। न अंगरक्षक का जमावड़ा, न गाड़ी का काफिला। अकेले सुदूर ग्रामीण व पहाड़ी क्षेत्र में घूम-घूमकर स्वयं समस्या से अवगत होते थे। आज की परिपाटी से इतर राजनीति के मायने व उद्देश्य उनके लिए कुछ और थे। जनता और सिर्फ जनता ही उनके मस्तिष्क पर छाई रहती थी। उनके करीबी मुरारी ¨सह, त्रिवेणी ¨सह आदि बताते हैं कि किसानों के उत्थान के लिए हमेशा चिंतित रहते थे। बताते हैं कि स्व. ¨सह जमुई से खेतों की मेढ पर पटवन की स्थिति को देखते हुए गरही डैम तक पैदल जाया करते थे। इससे किसानों को प्रोत्साहन के साथ संबंधित विभाग पर दबाव बनता था। गांव-गांव में चौपाल लगा समस्या सुन उसके निदान का प्रयास किया जाता था। सामाजिक समस्या हो या घरेलू लोग उनसे सब बातें शेयर करते थे। युवाओं के लिए अभिभावक तो हमउम्र के लिए मित्र और बुजुर्गों के लिए उम्मीद की किरण की भूमिका में रहते थे। जात-पात, धर्म से ऊपर मानव सेवा ही उनका ध्येय रहा। बता दें कि मलयपुर गांव में जमींनदार परिवार में जन्मे स्व. ¨सह ने जमुई विधान सभा का तीन बार प्रतिनिधित्व किया। इससे पहले मुंगेर जिला परिषद के अध्यक्ष का दायित्व भी निभाया। उनकी सादगी व मिलनसार स्वभाव को लोग आज भी याद करते हैं।