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लालबत्ती का मोह, अब पहले जैसी गंभीरता नहीं

जमुई। जमुई की धरती लालबत्ती वाले नेताओं से भरी पड़ी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Apr 2017 03:01 AM (IST)Updated: Fri, 21 Apr 2017 03:01 AM (IST)
लालबत्ती का मोह, अब पहले जैसी गंभीरता नहीं
लालबत्ती का मोह, अब पहले जैसी गंभीरता नहीं

जमुई। जमुई की धरती लालबत्ती वाले नेताओं से भरी पड़ी है। पूर्व मंत्री और समाजवादी नेता श्रीकृष्ण ¨सह, मुख्यमंत्री चंद्रशेखर ¨सह, विधानसभा अध्यक्ष स्व. त्रिपुरारि प्रसाद ¨सह, केन्द्रीय मंत्री स्व. दिग्विजय ¨सह एवं वर्तमान में पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव सरीखे कई बड़े नाम हैं जिन्होंने लालबत्ती पाई भी तो इसका अहसास आम जनता को नहीं होने दिया और तब इसे रौब या डर दिखाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता था। वक्त बदला तो अभी भी लालबत्ती जमुई में है लेकिन ये लोगों को अहसास कराने के लिए, न कि पद और पद के अनुरूप उनकी सुरक्षा, सुविधा के लिए जनता के बीच जाना हो, भीड़ जुटाना हो और अपनी ताकत का एहसास कराना हो तो लालबत्ती का इस्तेमाल किया जा रहा था। हद तो तब हो गई जब कई लोगों खासकर जिला परिषद अध्यक्ष की गाड़ी पर लगी लालबत्ती को खुलवाने के लिए मीडिया को ध्यान आकृष्ट कराना पड़ा था और तब भारी फजीहत के बाद प्रशासन बनाम जनप्रतिनिधि के रस्साकसी में लालबत्ती को खुलवाया जा सका।

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प्रमोद कुमार पम्पी प्रधानमंत्री के इस फैसले का तहेदिल से स्वागत करते हैं। कहते हैं कि एम्बुलेंस के मामले में भी सरकार को विचार करना चाहिए। एम्बुलेंस में नीली बत्ती व हूटर लगाकर व्यापक पैमाने पर दुरुपयोग शुरू हुआ है। इसे भी देखने की जरूरत है।

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सामाजिक कार्यकर्ता शिवशंकर कहते हैं कि वीवीआइपी कल्चर समाप्त करने की प्रधानमंत्री की पहल सराहनीय है। आम और खास में फर्क समाप्त करने की एक और कोशिश प्रधानमंत्री ने की है।

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मुखिया भावना ¨सह कहती हैं कि राजनीति में सेवा करने वाले लोग जब लालबत्ती लगाकर वीवीआइपी बनने की कोशिश करते हैं तब आम जन को लगता है कि हमारे प्रतिनिधि मुझसे दूर हो गए हैं। इसलिए प्रधानमंत्री ने जनसेवकों के लिए बेहतर संदेश दिया है।

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सीपीआई नेता रूपेश ¨सह ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लालबत्ती हटाने का यह फैसला आम जनता के लिए राहत भरा है। क्योंकि सुरक्षा और आवश्यकता से अधिक इसका इस्तेमाल लालबत्ती की धाक दिखाने के लिए होता था। अक्सर लालबत्ती वाली गाडि़यों का उपयोग परिवार के लोग तथा नाते-रिश्तेदार भी करते थे। इस पर इस फैसले से विराम लगेगा।

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¨सधू कुमार पासवान ने प्रधानमंत्री के फैसले को सराहनीय बताने के साथ ही उसने खास लोगों की सुरक्षा पर भी ¨चता जाहिर की। उन्होंने कहा कि आम और खास में फर्क मिट जाने से अपराधियों व उग्रवादियों के निशाने पर रहने वाले नेताओं का अधिकारियों के लिए सुरक्षा की समस्या उत्पन्न होने की संभावना है।

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समाजसेवी बच्चू मंडल ने कहा कि प्रधानमंत्री का लालबत्ती कलचर को बंद करना एक साहसिक कदम है। इस फैसले से आम और खास करने वाले व्यक्तियों के मानसिकता में बदलाव आएगा। इस फैसले का स्वागत आज बिहार सहित पूरे देश भर में हो रहा है।


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