Move to Jagran APP

ISI के लिए फंडिंग करता था यह शातिर, मिले करोड़ों के ट्रांजेक्शन के रिकार्ड

शातिर युवक ने नोटबंदी के बाद हेराफेरी कर अकूत संपत्ति इकट्ठा कर ली। उसने सैकड़ों लोगों के एटीएम कार्ड को अपने कब्जे में लिया ,उन खाताधारकों के खाते पर कालाधन मंगवाकर उसे सफेद किया।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 24 Feb 2017 08:46 AM (IST)Updated: Fri, 24 Feb 2017 11:45 PM (IST)
ISI के लिए फंडिंग करता था यह शातिर, मिले करोड़ों के ट्रांजेक्शन के रिकार्ड
ISI के लिए फंडिंग करता था यह शातिर, मिले करोड़ों के ट्रांजेक्शन के रिकार्ड

जमुई [मुरली दीक्षित]।  नोटबंदी लाखों लोगों के लिए परेशानी का सबब भले बनी, लेकिन मनोज मंडल के लिए यह वरदान साबित हुई। नोटबंदी के बाद उसने अपने नेटवर्क का इस्तेमाल कालाधन को सफेद बनाने में किया। ऐसा कर उसने करोड़ों रुपये कमाए और अकूत संपत्ति बनाई।  

loksabha election banner
दरअसल, पिछले तीन साल से दौलतपुर का मनोज मंडल युवकों को गुमराह कर उनके खाते से पैसा मंगाता था। इस बात का खुलासा अप्रैल 2013 में हो गया था। हेराफेरी के इस मामले में मनोज जेल चला गया। कुछ दिनों बाद जब वह जेल से छूटा तो अपने नेटवर्क को और भी बड़ा कर दिया। 25-30 युवक उसके साथ इस धंधे में लगे थे।
मनोज ने झाझा के बुढ़ीखार और जमालपुर के युवकों की मदद से सैकड़ों लोगों के एटीएम कार्ड को अपने कब्जे में लिया था। उन खाताधारकों के खाते पर कालाधन मंगवाकर उसे सफेद करने का  बड़ा धंधा कर लिया। इस धंधे में उसे करोड़ों की कमाई होने लगी। इस पैसे को उसने जमीन, मकान और दुकान में लगाने लगा। 
सूत्र बताते हैं कि जमुई-लखीसराय सड़क के किनारे एक जमीन की जब बोली लगी तो मनोज 13 करोड़ रुपये में उसे खरीदने को तैयार हो गया। हालांकि जमीन की बिक्री नहीं हो सकी। दौलतपुर के लोगों की मानें तो कुछ ही वर्षों में मनोज ने दस एकड़ जमीन खरीद ली।
मकान बनाने के साथ-साथ मनियड्डा में जमीन खरीदकर दुकान बनाया, जिसमें सीमेंट और छड़ का बड़ा व्यवसाय करने लगा। दिन दूना-रात चौगुना तरक्की को देख आस-पड़ोस वाले भी भौंचक थे, परंतु मनोज के कारनामों से अनभिज्ञ थे।
12 फरवरी की रात जब मध्यप्रदेश एटीएस जमुई पुलिस की सहयोग से मनोज की गिरफ्तारी की तो मामला सामान्य लगा। एटीएस की पूछताछ में जब मनोज के तार आइएसआइ से जुडऩे लगे तो तब यहां के लोगों को उसका असली रूप समझ में आया। 
आधा दर्जन बैंककर्मी एटीएस के रडार पर
जमुई व लखीसराय के एक दर्जन बैंककर्मी और टाटा मोटर्स कर्मी मनोज के सहयोगी के रूप में एटीएस के रडार पर हैं। मनोज टाटा मोटर्स लखीसराय और जमुई शाखा के लिए काम करने के अलावा एक लेबर सप्लाई करने वाली कंपनी के लिए भी काम करता था।
वह लेबर कंपनी व टाटा मोटर्स के दो-तीन कर्मियों के सहयोग से आइएसआइ के एजेंट को पैसा ट्रांसफर करने में मदद करता था। इस काम में जमुई के आधा दर्जन बैंक शाखाओं से भी मदद मिली। इसमें लिप्त बैंक कर्मियों के नाम भी एटीएस के समक्ष प्राथमिकी जांच के दौरान  सामने आ रहे।
नोटबंदी के बाद मनोज ने नगदी खपाने के लिए टाटा मोटर्स के कर्मियों का सहारा लिया तो खाता से पैसा ट्रांसफर करने में लेबर कंपनी का। कंपनी में जमा मजदूरों के पहचान पत्र और अन्य कागजात से खाता खुलवाकर रुपये की हेराफेरी की। उसके घर से जब्त तकरीबन तीन दर्जन से ज्यादा एटीएम कार्ड में अधिकांश कार्ड लेबर कंपनी से जुड़े मजदूरों के ही बताए जाते हैं।

यह भी पढ़ें:  भागलपुर में विचित्र बच्चे ने लिया जन्म, देखने के लिए उमड़ी भीड़


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.