आशा कार्यकर्ताओं ने लेखापाल को किया कार्यालय में कैद
जमुई। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लेखापाल को कार्यालय में आशा कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को बंद कर दिय
जमुई। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लेखापाल को कार्यालय में आशा कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को बंद कर दिया। आशा कार्यकर्ताओं ने लेखापाल पर नजराना नहीं देने पर प्रोत्साहन राशि भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया। घेराव का नेतृत्व कर रहे बीसीएम शैलेंद्र कुमार ने लेखापाल की कार्यशैली पर सवाल उठाया।
घेराव कर रही आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि वर्ष 2016 का कुछ भुगतान तथा वर्ष 2017 के जनवरी से भुगतान नहीं किया गया है। लेखापाल विभिन्न तरीके से आशा कार्यकर्ताओं को तंग करते हैं। कई मामलों में चेक काटकर लेखापाल रख लेते हैं और जब चेक की समय सीमा समाप्त होने लगती है तो चेक आशा कार्यकर्ता को दिया जाता है। नतीजतन चेक बाउस हो जाता है या बैंक स्वीकार नहीं करता है। आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि जननी शिशु सुरक्षा योजना का लाभ भी कई महिलाओं को एक साल से नहीं दिया गया है। शिकायत करने पर आशा कार्यकर्ताओं को निकाल देने की धमकी दी जाती है। पोलियो, कुष्ठ उन्मूलन सहित अन्य सरकारी योजना की राशि का भुगतान नहीं किया गया है। बाद में हेल्थ मैनेजर की पहल पर आशा कार्यकर्ताओं ने लेखापाल कक्ष का ताला खोल उन्हें मुक्त किया। घेराव में स्वीटी देवी, प्रेमलता यादव, गुडिय़ा देवी, उषा देवी, अनुराधा देवी, अनिता कुमारी, शारदा ¨सह, मकेश्वरी देवी, रेखा कुमारी, ¨बदू देवी, सुनीता देवी, रंभा देवी, अर्चना देवी सहित दर्जनों आशा कार्यकर्ता शामिल थीं। लेखापाल पवन कुमार ने आशा कार्यकर्ताओं के आरोप को बेबुनियाद बताया है। इधर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. बीएन प्रसाद ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं से जननी शिशु सुरक्षा योजना के तहत मांग पत्र व भुगतान पंजी का मिलान कर जांचोपरांत दोषी पर कार्रवाई की जाएगी साथ ही राशि का अविलंब भुगतान किया जाएगा।