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बैठक में महिला वार्ड काउंसलर की जगह पहुंचे पति

जमुई। इसे वर्तमान व्यवस्था का दोष कहें या महिलाओं की दयनीय स्थिति। अभी महीने भर भी नहीं बीते हैं कि

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Jun 2017 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 28 Jun 2017 01:00 AM (IST)
बैठक में महिला वार्ड काउंसलर की जगह पहुंचे पति
बैठक में महिला वार्ड काउंसलर की जगह पहुंचे पति

जमुई। इसे वर्तमान व्यवस्था का दोष कहें या महिलाओं की दयनीय स्थिति। अभी महीने भर भी नहीं बीते हैं कि नवनिर्वाचित वार्ड काउंसलर की जगह उनके पति और अन्य प्रतिनिधि बैठक तथा कार्यवाही में शिरकत करने लगे हैं। यह नजारा तो जीते हुए वार्ड काउंसलर के ऑफिस, योजना, पंचायत व अन्य कार्यो में तो आम है जिस पर कोई सवाल भी नहीं उठा सकता। लेकिन, हद तब हो गई जब शांति समिति के लिए डीएम की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में माइक थामते ही उन्होंने पूछा कि बैठक में एक भी महिला वार्ड काउंसलर नहीं दिख रही हैं। उन्होंने परिचय लिया और कहा कि जनाब आखिर कब जमुई को वार्ड काउंसलर और मुखिया पति से निजात मिलेगी। जमुई में नगर परिषद के 30 वार्ड के लिए हुए चुनाव में महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने 50 प्रतिशत आरक्षण दे रखा है। उस हिसाब से महिलाओं के लिए 15 सीट आरक्षित हुई लेकिन महिलाओं के प्रति जनता का समर्थन देखिये। यह संख्या 15 से बढ़कर और अधिक हो गई। लेकिन आवश्यक बैठक और नगर परिषद के लिए किसी समस्या के सवाल पर जिलाधिकारी के सामने बैठक में उनकी नगण्य उपस्थिति बताती है कि अभी भी महिलाओं पर उनके परिवार के पुरुष सदस्य भारी हैं।


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