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आकांक्षा के अभिभावक न्याय के लिए खटखटाएंगे कोर्ट का दरवाजा

जमुई। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति रूबी राय एवं गणेश जैसे टॉपरों से ऊबर नहीं पाया है। मैं अपनी बच्ची

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Jun 2017 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 23 Jun 2017 01:01 AM (IST)
आकांक्षा के अभिभावक न्याय के लिए खटखटाएंगे कोर्ट का दरवाजा
आकांक्षा के अभिभावक न्याय के लिए खटखटाएंगे कोर्ट का दरवाजा

जमुई। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति रूबी राय एवं गणेश जैसे टॉपरों से ऊबर नहीं पाया है। मैं अपनी बच्ची को कोर्ट का दरवाजा खटखटा कर उसका हक उसे दिलाऊंगा। उपरोक्त बातें सिमुलतला आवासीय विद्यालय की छात्रा कुमारी श्रेया आकांक्षा के पिता पूर्वी चंपारण निवासी देवेंद्र ¨सह ने कही है। देवेंद्र आकांक्षा को मैट्रिक परीक्षा में मिले 450 अंक के परिणाम से संतुष्ट नहीं है। देवेंद्र कहते हैं कि हमारी बच्ची प्रतिभावान है। अपने विद्यालय में भी प्रतिभा का लोहा मनवाते रही है। देवेंद्र कहते है इस बार मूल्यांकन का कार्य अंग्रेजी एवं सोशल साइंस के विषयों में सही ढंग से नहीं हुआ है। जब बोर्ड द्वारा छात्र-छात्राओं का भौतिक जांच कार्य हो रहा था तो मुझे सूचना नहीं मिली। मुझे शक हुआ की बीएसएनएल सिम होने के कारण शायद बोर्ड का फोन मेरे मोबाइल पर नहीं लगा हो। मैं अपनी बच्ची के टैलेंट को अच्छी तरह जानता हूं। इसी को ध्यान में रख मैं अकांक्षा के साथ बोर्ड कार्यालय गया। मैं लगातार कार्यालय में गुहार लगता रहा आप अच्छी तरह से देख लीजिए मेरी बच्ची के उत्तरपुस्तिका को साथ ही विद्यालय से उसके परफार्मेंश के संदर्भ में जानकारी कर लें। लेकिन मेरी बातों को अनसुना किया गया। देवेंद्र का दावा है कि बिहार के अन्य विद्यालय को छोड़ अपने क्लास के ही उससे ज्यादा अंक लाने वाले बच्चों से उसकी बच्ची की कॉपी का मिलान करने पर सब कुछ स्पष्ट हो जायेगा। देवेंद्र कहते है हमारी बच्ची परिणाम से काफी दुखी है। मुझे डर है कि कहीं इस परिणाम से उसकी प्रतिभा कुंठित न हो जाय।


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