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कमियां रोक नहीं पाई कामयाबी का सफर

जमुई। सपने तो सभी देखते हैं, लेकिन बिरले होते हैं जो कमियों और कठिनाइयों को मात देकर भी सपने को साका

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Jun 2017 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 23 Jun 2017 01:01 AM (IST)
कमियां रोक नहीं पाई कामयाबी का सफर
कमियां रोक नहीं पाई कामयाबी का सफर

जमुई। सपने तो सभी देखते हैं, लेकिन बिरले होते हैं जो कमियों और कठिनाइयों को मात देकर भी सपने को साकार करते हैं। नेतरहाट की तर्ज पर बना सिमुलतला आवासीय विद्यालय व्यवस्था की कमी के बावजूद कामयाबी के सफर पर निरंतर बढ़ रहा है। विद्यालय के बच्चों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सपने को साकार किया है। पिछले तीन वर्षों में मैट्रिक के टॉप-10 में लगातार जगह बनाने वाले अधिकांश बच्चे इस विद्यालय के हैं। साथ ही 2017 में इंटर की परीक्षा में भी इस विद्यालय की खुशबू ने सूबे में पहला स्थान लाकर यह साबित कर दिखाया कि कमियां सफलता के रास्ते में बाधक नहीं बन सकती है।

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वर्ष 2015 में तीस बच्चों ने टॉप-10 में स्थान बनाया जबकि वर्ष 2016 में 42 बच्चों ने टॉप-10 में स्थान बनाकर सफलता का परचम लहराया। वर्ष 2017 के इंटर की परीक्षा में विद्यालय की छात्रा खुशबू कुमारी टॉपर बनी। वहीं मैट्रिक की परीक्षा में छह बच्चे टॉप-10 में स्थान बनाया।

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महापुरुषों के नाम पर हैं आश्रम

सिमुलतला आवासीय विद्यालय में बच्चे जिन भवनों में पढ़ाई करते हैं वे सभी महापुरुषों यथा मैत्रैयी आश्रम, विनोवा, कस्तूरबा, गौतम जैसे नाम पर हैं। हर आश्रम में एक आश्रमाध्यक्ष हैं जो शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कार्यों में भूमिका निभाते हैं। आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों पर शिक्षक और प्राचार्य कड़ी मेहनत करते हैं। हर दिन सुबह व्यायाम और प्रार्थना के बाद सुबह आठ बजे से दो बजे तक शैक्षणिक सत्र चलता है।

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किराए के भवन में चलता है स्कूल

जिला मुख्यालय से 60 किमी दूर जंगलों के बीच सिमुलतला आवासीय विद्यालय की स्थापना 9 अगस्त 2010 को की गई। सात साल बीत जाने के बाद भी विद्यालय को अपना भवन नहीं है। किराए के भवन में विद्यालय का संचालन हो रहा है। भवन बनाने के लिए जमीन की प्रक्रिया जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग कर रहा है।

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तीन कमेटियां के जिम्मे है संचालन

सिमुलतला आवासीय विद्यालय व्यवस्थित ढंग से चले इसके लिए तीन कमेटियां गठित हैं। पहला सिमुलतला शिक्षा सोसाइटी जिसके अध्यक्ष शिक्षा मंत्री होते हैं। दूसरा कार्यकारिणी समिति इसके अध्यक्ष शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव होते हैं और तीसरा विद्यालय प्रबंध समिति जिसके अध्यक्ष जमुई के डीएम हैं।


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