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तन-मन व अध्यात्म की त्रिवेणी है योग : लखीनारायण

जमुई। शारीरिक, मानसिक व अध्यात्मिक ²ष्टि से योग का विशिष्ट महत्व है। नियमित योग करने वाला व्यक्ति अन

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Jun 2017 05:17 PM (IST)Updated: Wed, 21 Jun 2017 05:17 PM (IST)
तन-मन व अध्यात्म की त्रिवेणी है योग : लखीनारायण
तन-मन व अध्यात्म की त्रिवेणी है योग : लखीनारायण

जमुई। शारीरिक, मानसिक व अध्यात्मिक ²ष्टि से योग का विशिष्ट महत्व है। नियमित योग करने वाला व्यक्ति अन्य व्यक्ति की तुलना में ज्यादा स्वस्थ रहता है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर सोनो में आयोजित विशेष योग शिविर में उक्त बातें लखीनारायण वर्णवाल ने कही। बुधवार को बीआरसी मैदान में आयोजित विशेष शिविर में उपस्थित योग प्रशिक्षुओं को प्राणायाम व विभिन्न योगासनों की जानकारी दी गई। लखीनारायण वर्णवाल ने शीर्षासन व मयूरासन जैसे कठिन आसन बताए। सोनो में संचालित नियमित योग सत्र के प्रभारी राजेश वर्मा ने भी इस मौके पर कई कठिन आसन किए। उन्होंने कहा कि एक दिन के अभ्यास से ऐसा कर पाना संभव नहीं है। नियमित योगाभ्यास करें। इस मौके पर योग सत्र के नियमित प्रतिभागी राजेंद्र दास, दुर्गा प्रसाद केशरी, कपिल वर्णवाल, दिनेश ¨सह, दिवाकर पांडेय, चंदन ¨सह सहित रंजीत ¨सह, विनय वर्मा, बजरंगी ¨सह, जनार्दन प्र. वर्णवाल, निरंजन ¨सह, रंजीत कुमार आदि उपस्थित हुए।


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