जिले भर के आंगनबाड़ी केंद्रों में लटका ताला
जमुई। सरकार के उदासीन रवैये के विरोध व मांगों के समर्थन में आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका का हड़ताल शुक्रवा
जमुई। सरकार के उदासीन रवैये के विरोध व मांगों के समर्थन में आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका का हड़ताल शुक्रवार से शुरू हुआ। सेविका-सहायिका संघ के महासचिव स्नेहलता ने हड़ताल को सफल बताते हुए कहा कि सरकार की उपेक्षा के कारण आज आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ताला लटका है और बच्चे पोषाहार से वंचित हैं। उन्होंने 16 सूत्री मांग पर ध्यान आकृष्ट करते हुए सेविकाओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग की। जिला महासचिव ने संसद में कांग्रेसी नेता मल्लिका अर्जुन खडगे द्वारा आंगनबाड़ी का मामला उठाने पर धन्यवाद दिया।
झाझा : मांगों को लेकर शुक्रवार को प्रखंड की सेविका एवं सहायिका अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई है। इस कारण आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ताला लटका रहा। छोटे छोटे बच्चे केन्द्र बंद रहने के कारण वापस घर लौट गए। झाझा प्रखंड में 268 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं जिसमें 264 सेविका एवं 245 सहायिका कार्यरत हैं। बिहार आंगनबाड़ी केन्द्र यूनियन के जिलाध्यक्ष अनिता अंशु ने बताया कि केन्द्र एवं राज्य सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैया के कारण पूरे राज्य की आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका को यह कदम उठाना पड़ा है। अधिकार के लिए इस बार सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि 27 से 31 मार्च तक झाझा प्रखंड के बाल विकास परियोजना कार्यालय में धरना एवं प्रदर्शन करने का कार्यक्रम रखा गया है। इसके अलावा जिला मुख्यालय में भी प्रदर्शन एवं धरना का कार्यक्रम है। राज्य स्तरीय कार्यक्रम भी चलेंगे। इन सबके बावजूद सरकार की आंखें नहीं खुली तो जेल भरो आन्दोलन किया जाएगा। ज्ञात हो कि दो अप्रैल से पल्स पोलियो का कार्यक्रम प्रारंभ होने जा रहा है जिसमें आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका की अहम भूमिका रहती है।