सरकार ने नहीं दिया ध्यान तो खुद बना ली सड़क
जमुई। पदाधिकारियों से लेकर नेताओं तक लगातार गुहार लगाने के बाद जब सड़कें नहीं बनी तब हमलोगों ने थक-हा
जमुई। पदाधिकारियों से लेकर नेताओं तक लगातार गुहार लगाने के बाद जब सड़कें नहीं बनी तब हमलोगों ने थक-हारकर अपने प्रयास से सड़क निर्माण करने की ठान ली। यह बात भागीरथी प्रयास प्रखंड के पेटारपहड़ी पंचायत के जलखरिया गाव के ग्रामीणों ने कहीं। जिन्होंने अब अपने स्तर से सड़क निर्माण कार्य शुरू किया है।
सड़क निर्माण कार्य की अगुवाई कर रहे ग्रामीण शिवशंकर राय ने बताया कि आजादी के 68 साल बाद भी हमलोग सड़क जैसी महत्वपूर्ण सुविधा के लाभ से वंचित हैं। जलखरिया से लेकर भलुआ तक तीन किमी तक सड़क ही नहीं है जिससे इस क्षेत्र के करीब 15 हजार की आबादी को पगडंडियों एवं नदी-नालों से होकर गुजरना पड़ता है। खासकर बरसात के दिनों में भीषण परेशानी उठानी पड़ती है। जब कोई ग्रामीण बीमार पड़ जाता है तो अस्पताल तक लाने में काफी कठिनाई झेलनी पड़ती है। कई बार तो सड़क नहीं रहने का खामियाजा भी ग्रामीणों को भुगतना पड़ा है। समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने पर मरीज की मौत तक हो जाती है। सड़क नहीं रहने का दर्द यहा के लोगों को सालों से परेशान कर रहा था। शिवशंकर बताते हैं कि एक दिन हम ग्रामीणों ने तय किया कि क्यों न खुद ही सड़क बनाने का काम प्रारंभ किया जाए। आपसी चंदे एवं श्रमदान से ही सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ करने का निर्णय लिया। इसके लिए ग्रामीणों ने आपसी चंदे के रूप में एक लाख रुपया इकट्ठा कर सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ किया तथा देखते ही देखते जलखरिया से लेकर भलुआ तक श्रमदान से तीन किमी सड़क के लिए मिट्टी डालने का काम प्रारंभ कर दिया है। इस कार्य में शामिल जलखरिया के ग्रामीण अमित राय, रोहित राय, राकेश राय, रोहित कुमार, शक्ति राय, अजय राय, रंजय राय, हरेश राय, शभु राय, शिवशकर राय, अभिषेक राय, मुकेश राय, रामदेव राय, अनिल दास, कालेश्वर दास, गोपाल दास, अर्जुन दास, श्यामदेव राय आदि बताते हैं कि सड़क बन जाने से इस क्षेत्र के करीब दो दर्जन गावों के लोगों को आवागमन करने में सुविधा होगी। साथ ही जलखरिया, जरलाहाबदार, फरियताडीह, मोहनीडीह, दमगाटील्हा, सलैयाटाड़, हिरनाटाड़, मेनकी, दुर्गाडीह, डोमाछोराट आदि सीधे चकाई कियाजोरी मार्ग से जुड़ जाएंगे।