लाखों की आबादी पर 30 कूड़ादान
जमुई। शहर में कूड़ा निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं है। नतीजतन नगर में कूड़ा फेंकने तथा जमा करने की परम्
जमुई। शहर में कूड़ा निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं है। नतीजतन नगर में कूड़ा फेंकने तथा जमा करने की परम्परा बन गई है। शहर के कचहरी चौक, महाराजगंज बाजार, पुरानी बाजार, बोधवन तालाब रोड, महिसौड़ी सहित अन्य स्थानों पर कूड़े का अंबार प्रतिदिन देखने को मिलता है।
शहरवासी सड़क को कूड़ादान बना डालते हैं। छत पर से कूड़ा सड़क पर फेंकना परम्परा सी बन गई है। कई बार कूड़ा फेंकने के दौरान इसका शिकार राहगीर हो जाते हैं। बात तू-तू, मैं-मैं तक पहुंच जाती है।
नगर परिषद क्षेत्र के 30 वाडरें में मात्र 30 कूड़ादान है जिसकी वजह से आमलोग जहां-तहां कूड़ा फेंकने लगते हैं और गंदगी फैलती जाती है। कूड़े वाले स्थान पर आवारा जानवर और सुअर कूड़े को और फैला देते हैं। जिस कारण उक्त स्थान से गुजरना दूभर हो जाता है।
सफाई के दौरान शहर का सारा कूड़ा शहर के बाहर निचले इलाके में भरा जा रहा है। जिससे शहर के बाहर कूड़े का अंबार जमा होता जा रहा है। जबकि कूड़ा निस्तारण के लिए नगर परिषद के पास अपनी जमीन उपलब्ध है। इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
क्या कहते हैं नप पदाधिकारी
कूड़ा निस्तारण के संबंध में नगर परिषद पदाधिकारी बताते हैं कि कूड़ा उठाने के लिए पांच छोटे मालवाहक टेम्पू की खरीदारी की गई है जो प्रतिदिन शहर के विभिन्न वाडरें में घूम पर कूड़ा उठाते हैं। इसके अलावे सभी वार्ड में एक-एक लोहे के कूड़ेदान की खरीदारी की गई है।