लंगूर को पकड़ने पटना से आई टीम
जमुई। विगत दस दिनों से झाझा शहर में आतंक का पर्याय बन चुका एक लंगूर को पकड़ने के लिए वन विभाग ने
जमुई। विगत दस दिनों से झाझा शहर में आतंक का पर्याय बन चुका एक लंगूर को पकड़ने के लिए वन विभाग ने पटना से टेकू लाइजर गन से लैस एक टीम को बुधवार को झाझा बुलाया। इस मामले को जमुई डीएफओ नंदकिशोर खुद देख रहे हैं। अभी तक पागल लंगूर ने दो दर्जन से अधिक लोगों को घायल कर चुका है। वहीं वन विभाग द्वारा सभी घायलों को उपचार के लिए राशि भी उपलब्ध कराएगी। इस संदर्भ में डीएफओ नंदकिशोर ने कहा कि पागल लंगूर को पकड़ने के लिए वन विभाग की दो टीम सोमवार से ही कार्य कर रही है। जहा-जहा लंगूर का बसेरा है वहां-वहा पर पागल लंगूर को पकड़ने के लिए लोहे का पिंजड़ा लगाया गया है लेकिन अभी तक वह लंगूर पकड़ा नहीं गया। वहीं उस लंगूर के द्वारा आमलोगों को घायल किए जाने की सूचना पर बिहार के एक मात्र टेकू लाइजर गन का सफल संचालन करने बाला मकसुदुल हसन उर्फ बुधन को झाझा बुलाया गया है। मकसुदुल हसन ने बताया कि अभी बिहार के कई हिस्सों में जानवर बाहर निकल रहे हैं। इसके अलावे कई जानवर लोगों की हत्या के साथ साथ क्षति भी कर रहे हैं। श्री हसन ने बताया कि टेकू लाइजर गन के माध्यम से उस पागल लंगूर को बेहोश किया जाएगा और उसको वन विभाग अपने अनुसार दूसरे जगहों पर छोड़ देगी। वहीं डीएफओ ने आमलोगों से अपील करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी भी लंगूर को खाना नहीं दे। खाना देने के कारण आज यह लंगूर इस तरह की घटना को अंजाम दे रहा है। उन्होंने कहा कि विगत 15 दिनों से सोनो, चकाई क्षेत्र में हाथियों द्वारा उत्पाद मचाया गया था। उसको क्षेत्र से बाहर करने के लिए बंगाल, बिहार की 15 सदस्यों की दो टीम बुलाई गई थी जो आज भी चकाई में कैम्प कर रही है। हाथी हो या लंगूर के द्वारा क्षेत्र में जो भी नुकसान पहुंचाया गया है उसे वन विभाग द्वारा पूर्ति की जाएगी। उन्होंने चकाई एवं झाझा रेंजर को निर्देश देते हुए कहा कि हाथी के द्वारा जिस व्यक्ति का घर या समान की क्षति की गई है उसका सर्वे करें और उसकी सूची तैयार कर एक शिविर के माध्यम से पीड़ित व्यक्ति को क्षति के आकलन कर उसे राशि मुहैया कराया जाए। वहीं लंगूर के द्वारा काटे गए लोगों को भी चिन्हित करें। इस मौके पर एसडीपीओ सियाराम प्रसाद गुप्ता ने डीएफओ को जानकारी देते हुए कहा कि मेरे कैम्पस में हवलदार अशोक सिंह, मदन चौधरी, रामप्रसाद राम, सिपाही मुकेश कुमार, राजेन्द्र कुमार को लंगूर ने अपना निशाना बनाया। वहीं तेज बहादुर कॉलोनी के मंदन बर्णवाल सहित पीपराडीह, बस स्टैंड, चरधरा, हेलाजोत आदि मुहल्ले के दो दर्जन लोग भी इसके शिकार हुए। पीड़ित व्यक्ति डीएफओ के पास पहुंचकर अपने अपने जख्म दिखाए जिसपर डीएफओ ने सभी लोगों को आश्वासन दिया कि जो भी इलाज में खर्च हुआ होगा उसको विभाग उपलब्ध कराएगी। वहीं उन्होंने आमलोगों से कहा कि अगर कही भी पागल लंगूर मिल जाए तो उसकी सूचना तुरंत झाझा रेंजर को दें। इस अवसर पर वन विभाग के रेंजर अरूण कुमार, फारेस्टर रजनीश कुमार सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।