मनरेगा में अनियमितता बरतने वालों पर नहीं हुई कार्रवाई
संवाद सहयोगी, जमुई : सिकन्दरा के ईटासागर पंचायत में मनरेगा योजना के तहत जैतपुर आहर में बरती गई अनिय
संवाद सहयोगी, जमुई : सिकन्दरा के ईटासागर पंचायत में मनरेगा योजना के तहत जैतपुर आहर में बरती गई अनियमितता के मामले में दोषियों से दो लाख 36 हजार 420 रुपए की वसूली की गई परंतु इस मामले से दोषी अधिकारी को अब तक अलग रखा गया है। जिला प्रशासन उक्त अधिकारी के विरुद्ध अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। जिला प्रशासन पर तत्कालीन पदाधिकारी उमेश कुमार सिंह को बचाने का आरोप लगाया जा रहा है। जबकि जांच रिपोर्ट में उक्त अधिकारी को भी दोषी पाया गया है। फिलहाल मामला उच्च न्यायालय में लंबित है। ईटासागर पंचायत में मनरेगा योजना संख्या 4/2010-11 के तहत जैतपुर आहर की खुदाई की गई थी। कार्य में अनियमितता बरते जाने पर ईटासागर के रामजीवन सिंह ने उच्च न्यायालय में सीडब्लूजेसी 1142/2014 दायर किया था। न्यायालय के आदेश पर जब उक्त कार्य का जांच किया गया तो पाया गया कि मिट्टी की गहराई मात्र 6 ईंच प्रतिवेदित हुई जबकि योजना में एक फीट 6 ईच मिट्टी कटाई का बिल निकाल लिया गया था। 11 अप्रैल 2013 को ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता सुरेन्द्र प्रसाद एवं शहादत हुसैन द्वारा आहर का भौतिक सत्यापन किया गया। दोनों अधिकारी ने जो जांच रिपोर्ट सौंपी उसमें अनियमितता होने की बात बताई गई। जांच में यह भी पाया गया कि इस योजना के तहत 59 हजार 260 हजार रुपए का ही कार्य हुआ है जबकि मापी पुस्त में दो लाख 95 हजार 680 रुपया की निकासी की गई। न्यायालय के आदेश पर न्यायालय के आदेश पर दो लाख 36 हजार 420 रुपए की वसूली कर ईटासागर मनरेगा खाता में जमा कराया गया। यह वसूली मुखिया सुरेश प्रसाद, रोजगार सेवक , सहायक अभियंता उपेन्द्र प्रसाद, दीपनारायण सिंह, कनीय अभियंता शेखर सिंह से की गई। अब सवाल उठता है कि आखिर तत्कालीन कार्यक्रम पदाधिकारी उमेश कुमार सिंह को इस कार्रवाई से अलग क्यों रखा गया।