मामूली खर्च के अभाव में खराब पडे़ चपाकल
संवाद सूत्र, सरौन(जमुई): बैसाख माह में गर्मी की तपिश बढ़ते ही प्रखंड में पेयजल संकट दिखने लगा है। कु
संवाद सूत्र, सरौन(जमुई): बैसाख माह में गर्मी की तपिश बढ़ते ही प्रखंड में पेयजल संकट दिखने लगा है। कुंआ का जलस्तर नीचे चले जाने के कारण चकाई जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में अधिकाश कुंआ इन दिनों सूखने के कागार पर है। वहीं प्रखंड में गाड़े गए अधिकाश चपाकल मामूली मरम्मत के अभाव में खराब पड़े हैं तथा दर्जनों चपाकलों को जनप्रतिनिधि के चहेते द्वारा अपने-अपने घरों में गड़वाकर घेर लेने से आमलोगों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। चकाई बजार में भी लोगों को यही स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। यहां तीन चापाकल हैं मगर केवल सरकारी बस पड़ाव का चपाकल चालू है बाकी दो खराब हैं। वहीं चकाई बजार वासियों को पानी की जरूरत पूरा करने के लिए या तो आधा किमी दूर चकाई मध्य विद्यालय के पास गड़ा चापानल से पानी ढोकर लाना पड़ता है या पांच रूपया टीना पानी खरीदकर अपनी जरूरतों को पूरा करना पड़ता है। वहीं सरौन मोड़ की स्थिति भी इतर नहीं है। यहंा गाड़ा गया तीनों चापाकल खराब हो गया है मगर न तो पीएचडी विभाग को इसकी चिंता है और ना ही जनप्रतिनिधि को इसकी खबर है। यहंा भी पानी लोगों को खरीद कर पीना पड़ता है। सरौन मोड़ निवासी पूर्व मुखिया नरायण राम, पंचायत समिति सदस्य मानिक चन्द साव, भगवान साव,संजय साव, तलेबर चौधरी, लालजीत चौधरी, बलाल मिया, मंजुर मियॅंा, लालो मोदी, मुकेश कुमार, आदि दर्जनों लोगों ने जमुई जिला अधिकारी से चापाकल ठीक कराने की मांग की है।