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मशरूम की खेती कर महिलाएं हो रही आत्मनिर्भर

संवाद सूत्र, बरहट (जमुई): कृषि विज्ञान केन्द्र जमुई की ओर से गिद्धौर प्रखंड के केवाल गांव में शुक्रव

By Edited By: Published: Fri, 23 Jan 2015 06:55 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jan 2015 06:55 PM (IST)
मशरूम की खेती कर महिलाएं हो रही आत्मनिर्भर

संवाद सूत्र, बरहट (जमुई): कृषि विज्ञान केन्द्र जमुई की ओर से गिद्धौर प्रखंड के केवाल गांव में शुक्रवार को मशरूम दिवस का आयोजन किया गया। मशरूम ग्राम के रूप में घोषित इस गांव में कृषि वैज्ञानिकों ने मशरुम की खेती की बारीकी के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा अर्थोपार्जन के तरीके की जानकारी महिला किसानों को दी। मौके पर अतिथि के रुप में नाबार्ड के डीडीएम संजीव कुमार ने बताया कि यहां मशरूम का उत्पादन व्यापक तौर पर हो रहा है। नाबार्ड ने ड्रायर मशीन केवाल गांव में उपलब्ध करा दिया है जिसमें आसानी से मशरुम को सुखाया जा सकता है। इसके बाद उसे पैक पर बाहर भेजा जा सकता है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. ब्रजेश ने बताया कि मशरूम की खेती कर महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं। वहीं डॉ. प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि इस जिले में बेरोजगारी एक गंभीर समस्या है। मशरुम ग्राम बनाने में सहयोगी रहे ग्रामीण मोहन केशरी वैसे बेरोजगारों के लिए मिसाल हैं। केवाल गांव में बहुत कम ही समय में सीमित संसाधन ने 250 महिलाएं मशरूम के उत्पादन से जुट गई हैं। डॉ. चंचल ने मशरुम के मार्केटिंग के तरीके लोगों को बताए। केवीके केन्द्र समन्वयक सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा मशरूम की खेती को लेकर लगातार प्रशिक्षण दिया जा रहा है। महिलाएं जब खुद संबल बन जाएंगी तो घर की माली हालत खुद सुधरने लगेगी। इस अवसर पर किसान महादेव मंडल, रुबी देवी, मीना देवी सहित दर्जनों महिला किसान उपस्थित थे।


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