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पिछड़े निषाद समाज को मुख्य धारा से जोड़ना होगा : वैद्यनाथ

By Edited By: Published: Fri, 29 Aug 2014 07:29 PM (IST)Updated: Fri, 29 Aug 2014 07:29 PM (IST)
पिछड़े निषाद समाज को मुख्य धारा से जोड़ना होगा : वैद्यनाथ

संवाद सहयोगी, जमुई : बिहार के पशुपालन व मत्स्य मंत्री वैद्यनाथ साहनी ने कहा कि निषाद समाज मुख्य धारा से पिछड़ गया इसे मुख्य धारा से जोड़ना होगा। इसके लिए पूर्व एवं वर्तमान मुख्यमंत्री से बात हुई है। श्री साहनी जमुई के शिल्पा विवाह भवन में आयोजित निषाद संघ के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि निषाद जाति अतिपिछड़ा समुदाय में आता है परंतु हमारी स्थिति अनुसूचित जनजाति के समान है। श्री साहनी ने कहा कि आबादी के हिसाब से इस समाज की संख्या सर्वाधिक है परंतु राजनीतिक, आर्थिक और शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़ा है। इस समाज को उन्नत बनाने की जरुरत है ताकि आबादी के हिसाब से हमें राजनीतिक अधिकार प्राप्त हो सके। सम्मेलन को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह ने कहा कि आपकी मांग वाजिब है। हम समाज के चौमुखी विकास के लिए निश्चित रुप से प्रयत्‍‌न करेंगे। आप भी अपने अधिकार की लड़ाई जारी रखें। हम आपके मांगों का समर्थन करते हैं। साथ ही सरकार से इन मांगों को मानने का अनुरोध करेंगे। निषाद समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग की जाएगी क्योंकि आपकी स्थिति बहुत दयनीय है। उन्होंने कहा कि मैं आपके समाज को बहुत करीब से जानता हूं। यह समाज अपने अधिकार की लड़ाई लड़ने में सक्षम है। सम्मेलन के मुख्य अतिथि सह निषाद संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामनाथ प्रसाद निषाद एवं सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्री हरदेव प्रसाद ने भी निषाद समाज के दस सूत्री मांगों पर चर्चा करते हुए पशुपालन एवं मत्स्य मंत्री से मांगों को सरकार के समक्ष मजबूती से रखने का अनुरोध किया। सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए अरुण कुमार चौहान ने कहा कि हमे हमारा वाजिब हक नहीं मिल रहा है। निषाद समाज को कई प्रदेशों में अनुसूचित जाति का लाभ मिल रहा है। बिहार में भी हमें हमारा हक मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि निषाद समाज के लोगों ने आज इस सम्मेलन को ऐतिहासिक बनाकर यह साबित कर दिया कि हम अपने अधिकार की लड़ाई लड़ सकते हैं। निषाद समाज के नेता गीता बिंद ने कहा कि हमारा समाज मत्स्य पालन से जुड़ा हुआ है इसलिए समाज के युवाओं को मत्स्य विभाग में नियुक्ति की जाए। हमारी मांगें जब तक नहीं मानी जाएगी हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे। मंच संचालन करते हुए त्रिभुवण कुमार निषाद ने कहा कि सम्मेलन में आपकी उपस्थिति ने यह साबित कर दिया है कि हम अब जाग चुके हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रीद्वय द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद लगने लगा है कि हमारी मांगों को सरकार जरुर मानेगी। उन्होंने समाज के लोगों को जागरुक होने का भी आह्वान किया। सम्मेलन में उपस्थित भीड़ को देख समाज के सभी नेता गदगद थे। सम्मेलन को प्रवक्त सुदर साहनी, गीताराम बिंद, सीताशरण बिंद, बैजंती बिंद, शर्मानन्द साहनी, शिक्षक नरेन्द्र कुमार, विनोद चौहान, अरविंद चौहान, प्रभु चौहान, अशोक बिंद, शकलदेव बिंद, लखीसराय के अरुण चौहान, शेखपुरा के कृष्णानंद बिंद, शिक्षक रामानंद प्रसाद, रविशंकर बिंद, रंजीता कुमारी आदि ने भी संबोधित किया।

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मंत्री को सौंपा मांग पत्र

जमुई : जिला निषाद संघ द्वारा पशुपालन एवं मत्स्य मंत्री वैद्यनाथ साहनी को एक मांग पत्र सौंपा गया। मांग पत्र में मछुआरा सहयोग समिति जमुई में निषाद जाति का सदस्य बनाने, मछुआरा आवास बनाने, जिला में मत्स्य कार्यालय बनाने, अन्य राज्यों की तरह इस समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने, युवाओं को रोजगार देने, तकनीकी शिक्षा एवं आरक्षण का लाभ देने, मत्स्य विभाग में समाज के युवाओं को चयनित करने, छात्रवृति वितरण में समाज के बच्चों का उपस्थित बंधन समाप्त करने, समाज के बच्चों के लिए छात्रावास बनाने आदि की मांग शामिल हैं।


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