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दो माह से बंद पड़ा महिला हेल्पलाइन

By Edited By: Published: Thu, 21 Aug 2014 07:13 PM (IST)Updated: Thu, 21 Aug 2014 07:13 PM (IST)
दो माह से बंद पड़ा महिला हेल्पलाइन

संवाद सहयोगी, जमुई : जून 2014 के प्रथम सप्ताह अर्थात् जब से जिला प्रशासन ने स्वयं महिला हेल्पलाइन के संचालन का निर्णय लिया है तब से समाहरणालय भवन के पीछे ईओसी भवन स्थित महिला हेल्पलाइन का कार्यालय लगातार बंद है। कारणों का पड़ताल करने पर पता चला है कि जिलाधिकारी शशिकात तिवारी ने जून के प्रथम सप्ताह में गैर सरकारी संगठन सुरूचि कला केन्द्र द्वारा नियुक्त पूर्व परियोजना प्रबंधक प्रीति कुमारी को पदमुक्त कर संचालन का जिम्मा अपने हाथ में ले लिया और हेल्पलाइन में स्वीकृत मानव बल के लिए विज्ञापन प्रकाशित कर बहाली करने का आदेश जारी कर दिया। महिला हेल्पलाइन में स्वीकृत पदों के विरूद्ध नियुक्ति होने तक जमुई प्रखंड आगनबाड़ी विभाग की वरीय पर्यवेक्षिका करूणा कुमारी को प्रभार ग्रहण कर महिला हेल्पलाइन के संचालन का दायित्व दिया गया था। बताया जाता है कि करूणा कुमारी अपनी बीमारी का बहाना बनाकर कभी भी हेल्पलाइन के कार्यालय में नहीं बैठीं। दूसरी ओर घरेलू हिंसा एवं अन्य कारणों से पीड़ित महिलाएं अपनी समस्याओं को लेकर थाना एवं समाहरणालय का चक्कर काट रही है। गुरुवार को जिलाधिकारी के जनता दरबार में आए बरहट थाना क्षेत्र के पाड़ों ग्राम के संजय यादव ने बताया कि फरवरी में उसकी बच्ची दुष्कर्म का शिकार हुई थी, जिसके मुआवजे एवं दोषियों की गिरफ्तारी हेतु जून 2014 में जिलाधिकारी से गुहार लगाई थी जिसे महिला हेल्पलाइन भेज दिया गया था। लगभग दो माह से महिला हेल्पलाइन का चक्कर लगाते-लगाते परेशान है। फोन करने पर प्रभारी परियोजना प्रबंधक करूणा कुमारी द्वारा स्वीच ऑफ कर लिया जाता है। प्रभार ग्रहण को अनिच्छुक करूणा कुमारी का आगनबाड़ी केन्द्रों के भ्रमण का रिकार्ड भी बहुत संतोषप्रद नहीं है। नियमित निरीक्षण न होने एवं समय पर आवश्यक सूचना न उपलब्ध कराने का आरोप भी कतिपय सेविकाओं द्वारा उन पर लगाया जाता रहा है। बहरहाल महिला हेल्पलाइन के रिक्त पदों के विरूद्ध सुयोग्य उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं एवं जल्द ही इंटरव्यू की तिथि घोषित होने की संभावना है। दूसरी ओर अपने दो साल के बकाए मानदेय के भुगतान को लेकर पूर्व परियोजना प्रबंधक प्रीति कुमारी जिला पदाधिकारी से लेकर महिला विकास निगम, बिहार, पटना के कार्यालय में चक्कर लगाने को मजबूर हैं। बहरहाल बिना नई व्यवस्था के पुरानी व्यवस्था को एकाएक खत्म करने की कवायद में फरियादी महिलाएं परेशान हो रही हैं।


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