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रोहिणी नक्षत्र में 26 को करें जन्माष्टमी

जहानाबाद। भगवत प्रसन्नता के लिए व्रतों का पालन विशेष महत्व रखता है। व्रतों में श्रीकृष्ण जन्माष्

By Edited By: Published: Wed, 24 Aug 2016 03:05 AM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2016 03:05 AM (IST)
रोहिणी नक्षत्र में 26 को करें जन्माष्टमी

जहानाबाद। भगवत प्रसन्नता के लिए व्रतों का पालन विशेष महत्व रखता है। व्रतों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत का विशेष महत्व है। जन्म में नक्षत्र की प्रधानता होती है। भगवान श्री कृष्ण का जन्म भी भाद्र माह के कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। बातों की जानकारी देते हुए श्री स्वामी रंगरानामानुजाचार्य जी महाराज ने बताया कि भाद्रपक्ष कृष्ण अष्टमी रोहिणी नक्षत्र और वृष लगन में श्री कृष्ण का प्रादुर्भाव हुआ था। जिस दिन उनका अवतार हुआ था, उस दिन रोहिणी नक्षत्र सूर्योदय काल मे ही था। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 25 अगस्त को अष्टमी तिथि तो है लेकिन वृतिका के बाद रोहिणी का प्रवेश होने से व्रत का निषेध किया गया है। भाद्रपद कृष्ण नवमी शुक्रवार को शुद्ध रोहिणी नक्षत्र है। फलत: सभी भगवद भक्तों को 26 अगस्त को ही व्रत करना चाहिए। शास्त्रों में भी कहा गया है कि अष्टमी नवमी तथा दशमी को भी कृतिका नक्षत्र से रहित शुद्ध रोहिणी नक्षत्र होने पर उसी दिन व्रत करें। श्री स्वामी परांशकुराचार्य संस्कृति संरक्षा परिषद हुलासगंज में जन्माष्टमी शुक्रवार को 26 अगस्त को मनाया जाएगा।


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