हौले-हौले रफ्तार पकड़ रही सांसद आदर्श ग्राम योजना
जहानाबाद। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत स्थानीय सांसद डा. अरुण
जहानाबाद। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत स्थानीय सांसद डा. अरुण कुमार ने अक्टूबर 2014 में मखदुमपुर प्रखंड के सबसे बड़ी आबादी वाले ऐतिहासिक महत्व के धराउत गांव को गोद लिया था। एक महीने बाद वे जिले के तमाम विभाग के अधिकारियों के साथ वहां गए थे। गांव के लोगों में भी काफी उत्साह था। बड़ी सभा हुई थी, बैठक में मौजूद डीएम ने तमाम विभाग के अधिकारियों को कार्य योजना तैयार करने का निर्देश भी दिया था। सभा के दौरान ही सांसद के अनुरोध पर तकरीबन 14 हजार की आबादी वाले इस गांव के लोगों ने शराब का सेवन नहीं करने का संकल्प भी लिया था। इसका असर भी हुआ था। गांव के लोगों को लगा था कि अब इस पिछड़े गांव का कायाकल्प हो जाएगा। लेकिन जिस गति से विकास कार्यो का कार्यान्वयन हो रहा है। उससे ऐसा लगता है कि समय सीमा के भीतर सरकार का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाएगा। गोद लिए 19 महीने बीत गए लेकिन उस गांव के विकास के लिए सांसद द्वारा अनुशंसित 62 लाख रुपये में से अब तक मात्र 22 लाख रुपये की दो योजनाएं संचालित हो रही हैं। एक कृषि प्रशिक्षण केंद्र तथा दूसरा नेपकीन निर्माण भवन का निर्माण कार्य चल रहा है। शेष तीन योजनाएं अभी सरकारी फाइलों में दबी है। हालांकि आईएपी योजना से तकरीबन 49 लाख की राशि से पीसीसी कार्य किया गया है। जबकि एक करोड़ 25 लाख रुपये की राशि से निर्मित होने वाले प्लस+2 विद्यालय के भवन निर्माण के लिए आधार भूत संरचना से निविदा प्रकाशित हुई है। पावर सब स्टेशन चालू नहीं हो पाई है। जबकि बोरिंग के माध्यम से गांव के लोगों को पेयजल सुविधा मुहैया कराए जाने का लाभ सभी लोगों नहीं मिल पा रहा है। अधिकांश नाली-गली की ढलाई नहीं हो पाई है और नहीं स्वच्छता का ही असर देखा जा रहा है।
शिविरों का होता रहा है आयोजन
सांसद द्वारा गोद लिए जाने के बाद यहां के लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में जागरुक किए जाने के उद्देश्य से प्रशिक्षण शिविर का आयोजन होता रहा है। एसएसबी की मखदुमपुर कंपनी द्वारा शिविर का आयोजन कर किसानों को न सिर्फ उन्नत खेती की जानकारी दी गई है, बल्कि उनके बीच कृषि सामग्रियों का भी वितरण किया गया है। इतना ही नहीं निर्धन परिवार के बच्चों के बीच खेल तथा पाठय सामग्रियों का भी वितरण गया है। यहां स्वास्थ्य तथा कृषि प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हुआ है जिसमें बड़ी संख्या में किसानों ने अपने उपस्थिति दर्ज कराई है।
ऐतिहासिक महत्व
जिला मुख्यालय से 22 किलोमीटर दक्षिण तथा पर्यटक स्थल वाणावर से पांच किलोमीटर उतर धराउत गांव में एक विशाल बौद्ध मठ चीनी यात्री ब्हेन-सांग के काल में था। चीनी यात्री ह्वेनसांग यहां ठहरे भी थे। इसका उल्लेख उन्होंने अपने वृतात में किया है। इस गांव के ऐतिहासिक एवं पुरातत्व को देखते हुए कई पुरातत्वविदों ने कई बार यहां आकर निरीक्षण भी किया है। गांव के दक्षिण नरसिंह भगवान का मंदिर तथा चनोखर-पोखर का ऐतिहासिक महत्व है। मेजर किट्टो, कलिंघम, बेलगर, डा. गिरियेसेन तथा डा. हरि किशोर ने भी इसका निरीक्षण किया है। इस गांव में बहुत सारे टिल्हें एवं गढ़ हैं। यदि इसकी खुदाई की जाए तो और भी ऐतिहासिक तथ्य सामने आएंगे।
क्या कहते हैं सांसद
यह गांव शराब से ज्यादा प्रभावित था। मेरे अनुरोध पर लोगों ने शराब न पीने का संकल्प लिया था और इसका व्यापक असर भी पड़ा। शिक्षा के बगैर विकास संभव नहीं है। पहले का विद्यालय भवनहीन है। मेरे द्वारा यह कोशिश की जा रही है कि यहां प्लस+2 विद्यालय हो जाए। इस गांव में काफी संभावनाएं हैं। मैं इसे मॉडल गांव बनाने में लगा हूं।
डा. अरुण कुमार
सांसद।
सुनिए गांव वालों की
सांसद के प्रयास से इस गांव के लोगों ने शराब का सेवन छोड़ दिया। उन्हीं के सौजन्य से हमलोग पानी पी रहे हैं। सूर्य मंदिर तक पीसीसी सड़क भी बनी है।
राजेंद्र मांझी
-इस गांव का विकास हो रहा है। सांसद महोदय ने चंदोखर-पोखर के जीर्णोद्धार का प्रयास किया लेकिन मेरे ही गांव के कुछ लोगों के विरोध के कारण यह काम नहीं हो सका।
अवधेश द्विवेदी
-अब तक मात्र 10 फीसद ही काम हुआ है। हमलोगों को बॉबे का पानी पिलाने का आश्वासन मिला था लेकिन खरा पानी पीने को मजबूर हैं।
पवन कुमार गुप्ता
-आज यहां जो भी काम हो रहा है वह सांसद का ही देन है। वे इस गांव को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं।
उमेश शर्मा