भंटा के पौधे सुखने से किसानों में छाई मायूस
मौसम के उतार-चढ़ाव का प्रभाव अब सब्जी की खेती पर भी पड़ने लगा है।
जहानाबाद। मौसम के उतार-चढ़ाव का प्रभाव अब सब्जी की खेती पर भी पड़ने लगा है। सब्जी की खेती प्रभावित होने से किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है। एक तो पहले से किसान रवि की फसल क्षति होने से परेशान चल रहे थे। अब भंटा की खेती भी प्रभावित होने से किसानों के हलक सुखने लगे हैं। सदर प्रखंड के अमैन गांव में भंटा उत्पादक किसान पौधे सुखने से परेशान हैं। कड़ी मेहनत एवं जमा पूंजी लगाकर किसानों ने इस आशा के साथ खेती की थी कि बेहतर उत्पादन से आर्थिक संबंधी समस्याओं का समाधान होगा लेकिन पौधे सुखने से किसान मायूस हैं। पौधे की रोपाई के तीन महीने के बाद भी कृषि विभाग की टीम ने अभी तक दौरा नहीं की है। मालूम हो कि इस गांव में 400 बिगहा में भंटा की खेती बड़े पैमाने पर होती है। धान की कटनी के बाद लगाए गए पौधे से होली के समय फल भी निकलने लगता है। इस बीच किसानों द्वारा कड़ी मशक्कत भी की जाती है। रोपाई के बाद निकौनी एवं उर्वरक में अच्छी खासी पूंजी लगाई जाती है। लगाए गए पूंजी के अनुपात में किसानों को तीन गुना अधिक फायदा होता है लेकिन मौसम प्रतिकूल होने के कारण किसानों के आशा पर पानी फिर गया है। भंटा की खेती कर रहे जन विजय महतो, कौशल महतो, इंद्र कुमार, नगीना दास आदि किसानों ने बताया कि फसल सुखने से हमलोग आर्थिक रूप से तबाह हो जाएंगे। कौशल ने तीन बिगहा में भंटा की खेती की है। इसमें 50 हजार रुपये पूंजी लगाई गई है। उनके 10 कट्ठा की फसल सुख गई है। इसके बावजूद विभागीय पदाधिकारियों द्वारा कोई पहल नहीं की जा रही है। पंचम ने बताया कि एक बिगहा का पौधा सुख गया है। इसी प्रकार रामदीप महतो की भी फसल सुखने लगी है। फसल सुखने से कई किसानों के सपनों पर पानी फिर गया है। किसी के घर शादी विवाह है तो कोई फसल बेचकर मकान बनाने की सोच रहे थे। लेकिन मौसम की मार ने सभी की आशाओं पर पानी फेर दिया। इधर सूचना के बावजूद कृषि विभाग की टीम ने सुख रहे फसल को बचाने के लिए पहल नहीं कर रही है।