यहां 68 विद्यालयों में नहीं मिलता बच्चों को एमडीएम
गोपालगंज। जिले के 68 प्रारंभिक विद्यालयों में पढ़ने आने वाले बच्चों को एमडीएम नहीं मिल पाता
गोपालगंज। जिले के 68 प्रारंभिक विद्यालयों में पढ़ने आने वाले बच्चों को एमडीएम नहीं मिल पाता है। यह स्थिति तब है जब सरकारी स्तर पर प्रत्येक विद्यालय में एमडीएम की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश विभागीय स्तर पर प्राप्त है। जिला स्तरीय बैठकों में कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों को फटकार भी लग चुकी है। बावजूद इसके स्थिति में सुधार नहीं हो सका है।
आधिकारिक सूत्रों की मानें तो पूरे जिले में कुल 1798 प्रारंभिक विद्यालयों में एमडीएम के तहत बच्चों को दोपहर का भोजन उपलब्ध कराने का निर्देश विभागीय स्तर पर दिया गया है। इनमें प्राथमिक, मध्य विद्यालयों के अलावा मकतब शामिल हैं। विभाग के निर्देशों के आलोक में सभी विद्यालयों मे ंएमडीएम की व्यवस्था को लागू किया गया। लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण एक-के-बाद एक कर 68 स्कूलों में एमडीएम बनना बंद हो गया। ऐसे में इन विद्यालयों में आने वाले बच्चों को एमडीएम का लाभ नहीं मिल पा रहा है। प्रत्येक माह आयोजित होने वाली समीक्षा बैठक में निर्देश जारी किए जाने के बाद भी स्थिति में सुधार कर पाने में विभाग सफल नहीं हो सका है।
इनसेट
लंबे समय से नहीं बनता एमडीएम
गोपालगंज : 68 विद्यालयों में एमडीएम बंद होने का मामला कोई नया नहीं है। विभागीय आंकड़ों की मानें तो इन विद्यालयों में लंबे समय से यहीं स्थिति बनी हुई है। स्थिति को दुरुस्त करने के प्रति विभाग ने कभी भी रूचि नहीं ली।
इनसेट
संसाधन का अभाव बना कारण
गोपालगंज : एमडीएम बंद होने के पीछे सबसे बड़ा कारण संसाधन का अभाव है। जिन 68 विद्यालयों में वर्तमान समय में एमडीएम नहीं बनता उनमें से 48 विद्यालय ऐसे हैं, जिनके लिए विभाग आजतक भूमि, भवन, पेयजल एवं अन्य संसाधन उपलब्ध नहीं करा सका है।
इनसेट
20 स्कूलों के लिए नहीं बनी योजना
गोपालगंज : जिले के बीस स्कूलों में अबतक मध्याह्न भोजन के लिए योजना ही नहीं बन सकी है। योजना मद से इन विद्यालयों में एमडीएम का संचालन किया जाना था। लेकिन विभागीय स्तर पर बरती गई लापरवाही के कारण यह स्थिति पैदा हुई है।
इनसेट
1066 में सिर्फ 998 में एमडीएम
गोपालगंज : आंकड़ों की मानें तो जिले के 1066 प्राथमिक विद्यालयों में से सिर्फ 998 विद्यालयों में ही एमडीएम बन पाता है। यानि जिले के 68 प्राथमिक विद्यालयों में एमडीएम की सुविधा बच्चों को नहीं दी जाती।