कोई डॉक्टर तो किसी की चाहत है इंजीनियर बनना
गोपालगंज । रविवार को मैट्रिक का बेहतर परिणाम आने के बाद सफल परीक्षार्थियों के घर खुशी
गोपालगंज । रविवार को मैट्रिक का बेहतर परिणाम आने के बाद सफल परीक्षार्थियों के घर खुशी का माहौल रहा। परिणाम आने के बाद से ही अब छात्र-छात्राएं अपने भविष्य का खाका तैयार करने में जुट गए। किसी को डॉक्टर बनना है तो कोई इंजीनियर। हालांकि मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं की पहली प्राथमिकता अभी इंटर में अच्छे स्कूलों में दाखिला लेना है, ताकि वे अपने भविष्य के लिए तैयार की गई योजना को आगे चल कर मूर्त रूप दे सकें। परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण छात्र व छात्राएं अब आगे और मेहनत करना चाहते हैं। इस बार प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं की संख्या पिछले वर्ष के मुकाबले काफी कम है।
इसके पूर्व रविवार को बिहार बोर्ड का मैट्रिक रिजल्ट आने को लेकर छात्र-छात्राओं की धड़कन अधिक रही। दिन के दो बजे से ही छात्र साइबर कैफे के आसपास मंडराने लगे। तीन बजे के बाद रिजल्ट प्रकाशित हुआ, परीक्षाफल जानने के लिए छात्रों की भीड़ उमड़ पड़ी। सभी जल्द अपने प्राप्तांक के बारे में जान लेने के फिराक में थे। इस चक्कर में कोई मोबाइल इंटरनेट का प्रयोग कर रहा था तो कोई साइबर कैफे में बैठा रहा। जब रिजल्ट आया तो सफल छात्र व छात्राओं के चेहरे पर खुशी झलक उठी। परीक्षा में इस सफलता के बाद परीक्षार्थी आगे की पढ़ाई की तैयारी में जुट गए हैं। शहर के बिहार विकास विद्यालय के प्रबंधक अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि उनके विद्यालय का रिजल्ट काफी अच्छा रहा है। ग्रामीण इलाकों के स्कूलों से भी इस बार प्रथम श्रेणी से पास होने वाले छात्रों की संख्या अच्छी खासी रही है। उन्होंने बताया कि उनके विद्यालय की छात्रा चांदनी पांडेय ने 353 अंक प्राप्त किया है। इसी प्रकार अभिषेक तिवारी ने 350, सुधांशु पाल ने 347, अंजली तिवारी ने 328 तथा शालू कुमारी ने 318 अंक प्राप्त किया है। इनके अलावा रवि साहनी से भी मैट्रिक की परीक्षा में 388 अंक प्राप्त किया है।