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मां ने जन्म देकर अस्पताल में छोड़ा, नौ दिन तक स्टाफ लगाता रहा बच्चे की बोली

बिहार के गोपालगंज जिले के हथुआ पीएचसी में एक महिला बच्चे को जन्म देकर चली गई। उसे बेचने की फिराक में स्टाफ बच्चे की नौ दिन तक बोली लगाता रहा।

By Pramod PandeyEdited By: Published: Mon, 29 Aug 2016 04:16 PM (IST)Updated: Mon, 29 Aug 2016 07:30 PM (IST)
मां ने जन्म देकर अस्पताल में छोड़ा, नौ दिन तक स्टाफ लगाता रहा बच्चे की बोली

पटना [वेब डेस्क] । गोपालगंज जिले के हथुआ में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक महिला हॉस्पिटल में बच्चे को जन्म देने के बाद उसे छोड़कर चली गई। काफी कोशिश के बाद जब मां नहीं मिली तो हॉस्पिटल के कर्मचारी बच्चे की बोली लगाने लगे। 9 दिन तक बोली लगी, लेकिन सही खरीदार नहीं मिलने से बच्चा बिकने से बच गया।

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20 अगस्त को बच्चे का हुआ था जन्म...

20 अगस्त की शाम एक गर्भवती महिला अनुमंडलीय अस्पताल पहुंची। वह प्रसव पीड़ा से कराह रही थी। यह देख उसे अस्पताल में मौजूद एएनएम ने भर्ती कर लिया। बेटे को जन्म देने के कुछ घंटों बाद मां अपने कलेजे के टुकड़े को छोड़कर कहीं चली गई। एएनएम ने उसकी काफी खोजबीन की परंतु उसका कहीं पता नहीं चल सका। रजिस्टर में दर्ज नाम के आधार पर भी उस मां की खोज की गई परंतु वह नहीं मिल सकी।

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30 हजार रुपये से शुरू हुई बच्चे की बोली

प्राप्त जानकारी के अनुसार अनाथ बच्चे के संबंध में चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचना देने के बदले हॉस्पिटल के कुछ लोग नवजात को बेचने की फिराक में जुट गए। बच्चे की बोली की शुरुआत 30 हजार रुपये से हुई। अस्पताल की एक कर्मी बच्चे को लेकर अपने घर चली गई। उसने चार दिन बच्चे को अपने साथ ही रखा।

बताते हैं कि इस दौरान उसने बच्चे की कीमत एक लाख रुपये कर दी। कई लोगों से संपर्क भी किया, पर बात न बन सकी। 9 दिन तक बच्चे का कोई खरीदार नहीं मिला तो उसे चाइल्ड हेल्पलाइन पहुंचाया गया।

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एक-दूसरे को जिम्मेवार ठहरा रहीं उपाधीक्षक और मैनेजर

स्वास्थ्य मैनेजर फरहान रहमान ने कहा कि इसकी जानकारी उपाधीक्षक को है।जिस दिन बच्चे ने जन्म लिया। उस दिन वह पटना मीटिंग के सिलसिले में गई थी। आई तो पता चला। इस संबंध में उपाधीक्षक विशेष जानकारी दे पाएंगी। वहीं, उपाधीक्षक डॉ. उषा किरण वर्मा ने कहा कि नवजात के देखभाल की जिम्मेदारी स्वास्थ्य मैनेजर की है।


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