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बंदर बने आफत, काटने से ग्रामीण मौत

गोपालगंज। जिले में बंदर अब लोगों के लिए आफत बन गये हैं। जिला मुख्यालय के कई मोहल्ले से लेक

By Edited By: Published: Sat, 21 Nov 2015 05:25 PM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2015 05:25 PM (IST)
बंदर बने आफत, काटने से ग्रामीण मौत

गोपालगंज। जिले में बंदर अब लोगों के लिए आफत बन गये हैं। जिला मुख्यालय के कई मोहल्ले से लेकर गांवों में बंदरों ने आतंक मचा रखा है। बंदरों के काटने से अब तक दर्जनों लोग जख्मी हो चुके हैं। शनिवार को भी उचकागांव के लुहसी गांव में बंदर ने एक ग्रामीण पर हमला कर लहूलुहान कर दिया। जिससे उनकी मौत हो गयी। शनिवार की सुबह लुहसी गांव में साइकिल से कहीं जा रहे एक अधेड़ व्यक्ति पर एक बंदर ने हमला कर दिया। गंभीर रूप से जख्मी ग्रामीण को परिजन इलाज के लिए अस्पताल ले जाने लगे। लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गयी। इसी बीच बंदर के हमले में अधेड़ की मौत की जानकारी लगते ही ग्रामीण आक्रोशित हो गए। आक्रोशित ग्रामीणों ने थावे लाइन बाजार पथ को जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीण मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग कर रहे थे। हालांकि सड़क जाम करने की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष नवीन कुमार तथा सीओ अशोक शर्मा ने ग्रामीणों को समझा बुझा कर शांत कराया।

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बताया जाता है कि लुहसी गांव निवासी 55 वर्षीय रामप्रसाद कहीं जाने के लिए शनिवार की सुबह साइकिल से अपने घर से निकले थे। अभी ये कुछ दूर आगे गए ही थे कि एक बंदर ने इन पर हमला कर दिया। इस दौरान बंदर के काटने से साइकिल सवार लहूलुहान होकर गिर पड़े। इस बीच ग्रामीण शोर मचाते हुए वहां पहुंच गए। जिससे बंदर वहां से भाग निकला। ग्रामीण गंभीर रूप से जख्मी अधेड़ को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने लगे। लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गयी। बताया जाता है कि इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने मृतक के शव के साथ थावे लाइन बाजार पथ को जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीण मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग कर रहे थे। हालांकि सड़क जाम करने की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष नवीन कुमार, सीओ अशोक शर्मा, प्रमुख पति प्रभात सिंह, मुखिया सुरेश यादव ने ग्रामीणों को समझा बुझा कर शांत कराया। इस दौरान मृतक के परिजनों का मुआवजा दिलाने का आश्वासन भी दिया गया।

एक महीने से लुहसी में है बंदर का आतंक

उचकागांव(गोपालगंज): शनिवार को बंदर के हमले में अधेड़ की मौत से लुहसी गांव के ग्रामीण पूरी तरह से दहशत में आ गए हैं। ग्रामीण बताते हैं कि इस गांव में पिछले एक महीने से बंदरों ने आतंक मचा रखा है। बंदर के हमले में डा.अनवर अंसारी, रविंद्र सिंह, चंदन साह, विरेंद्र मिश्र, शुभलाल महतो, शिवजी महतो, साखी गांव के धर्मेद्र सिंह सहित एक दर्जन से अधिक लोग जख्मी हो चुके हैं। ग्रामीण बताते हैं कि लुहसी गांव में बंदर झुंड में रह रहे हैं। लेकिन हमला एक ही बंदर कर रहा है। किसी भी ग्रामीण को अकेले देख कर यह बंदर उन पर हमला कर काट कर जख्मी कर दे रहा है।

ब्रहमाइन गांव में भी है बंदर का आतंक

उचकागांव(गोपालगंज): उचकागांव के लुहसी गांव के साथ ही ब्रहमाइन गांव के ग्रामीण भी बंदरों के आतंक के बीच जीने को मजबूर हैं। इस गांव के ग्रामीण बताते हैं कि पिछले छह महीने से गांव में बंदर का आतंक है। अब तक बंदर हमला कर एक दर्जन से अधिक लोग को जख्मी कर चुके हैं। इस गांव में बंदर के आतंक का आलम यह है कि महिलाएं और बच्चे अकेले घर से निकलने से परहेज करने लगे हैं। अपने घरों की छत पर भी जाने से भी लोग परहेज कर रहे हैं।

शहर के कई मोहल्ले में भी बंदर का आतंक

गोपालगंज: उचकागांव के लुहसी तथा ब्रहमाइन के साथ ही जिला मुख्यालय के भी कई मोहल्ले में बंदरों ने आतंक मचा रखा है। शहर के हनुमानगढ़ी, जगत नगर, ब्लाक कालोनी, वार्ड नंबर तीन, अधिवक्ता नगर आदि में बंदर अब तक कई लोगों को काट कर जख्मी कर चुके हैं। ब्लाक कालोनी के निवासी बताते हैं कि कुछ दिन पूर्व बंदर ने राजीव सिंह की छह साल की बेटी एनी पर हमला कर हाथ को बुरी तरह से काट लिया था। जिससे हाथ की नसें भी जख्मी हो गयी थी। काफी इलाज के बाद ही बच्ची का हाथ ठीक हो सका। इन मोहल्ले के निवासी बताते हैं कि बंदर खास कर बच्चों पर ही हमला कर रहे हैं।

सदर अस्पताल में नहीं है एंटी रैबीज इंजेक्शन

गोपालगंज : जिला मुख्यालय के कई मोहल्ले से लेकर गांवों में बंदरों ने आतंक मचा रखा है। प्रतिदिन बंदरों के हमले में कई लोग जख्मी हो रहे हैं। लेकिन इनके इलाज के लिए सदर अस्पातल से लेकर जिले के किसी भी सरकारी अस्पताल में व्यवस्था नहीं है। सदर अस्पताल में तो एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं होने की बकायदा नोटिस भी चिपका दी गयी है। ऐसे में बंदर के काटने से जख्मी लोग एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए दर दर भटकने को मजबूर हो रहे हैं। बताया जाता है कि शनिवार को मीरगंज नगर निवासी राजेंद्र प्रसाद को एक बंदर ने काट लिया। बंदर के काटने से जख्मी राजेंद्र प्रसाद एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाने के लिए हथुआ स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गए। लेकिन वहां एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं होने की बात कर उन्हें सदर अस्पताल भेज दिया गया। राजेंद्र प्रसाद बताते हैं कि सदर अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि यहां भी पिछले काफी समय से एंटी रैबीज इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है। इससे संबंधित नोटिस भी ओपीडी में चिपका दी गयी है। जिसमें यह भी लिखा है कि अभी एंटी रैबीज इंजेक्शन आने की संभावना नहीं है। ऐसे में राजेंद्र प्रसाद बाहर से एंटी रैबीज इंजेक्शन खरीद कर लगाने को मजबूर हुए। ऐसी स्थिति से बंदर के काटने से जख्मी हर व्यक्ति को जूझना पड़ रहा है। सदर अस्पताल से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी रैबीज इंजेक्शन उपलब्ध नहीं होने से इन लोगों की परेशानी बढ़ गयी है। इधर स्वास्थ्य महकमा एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं होने का नोटिस लगाकर हाथ पर हाथ रख कर बैठा हुआ है।


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