महज तीन को मिला इंदिरा आवास, सौ से अधिक परिवार रहते झोपड़ी में
प्रखंड मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूरी तय करने पर पड़ता है खैरटिया पंचायत। प्रखंड मुख्यालय से इस पंचायत की यह दूरी ही इस पंचायत में बसे ग्रामीणों के लिए समस्या बन गई है। दूर अधिक होने से इस पंचायत में कभी कभार ही प्रखंड के वरीय पदाधिकारी आते हैं।
हथुआ (गोपालगंज) : प्रखंड मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूरी तय करने पर पड़ता है खैरटिया पंचायत। प्रखंड मुख्यालय से इस पंचायत की यह दूरी ही इस पंचायत में बसे ग्रामीणों के लिए समस्या बन गई है। दूर अधिक होने से इस पंचायत में कभी कभार ही प्रखंड के वरीय पदाधिकारी आते हैं। वरीय पदाधिकारियों की नजर से दूर होने से इस पंचायत में समस्याओं का अंबार लगा है। हर गांव को सड़क से जोड़ने की सरकारी योजना के बाद भी इस पंचायत के अधिकांश गांव सड़क से नहीं जुड़ पाए हैं। इस पंचायत में पड़ने वाले खैरटिया, कासमी समउल, पाण्डेय समउल, प्रयाग समउल, दुबे समउल, मिश्रौली टोला, मूस टोली, सरिसवां, तरउ चक चांद चक में आने के लिए अब तक सड़क नहीं बनी है। इस पंचायत के ग्रामीण बताते हैं कि प्रखंड मुख्यालय से पंचायत तक आने वाली मुख्य सड़क की दशा तो ठीक ठाक है। लेकिन मुख्य सड़क से अधिकांश गांव में जाने के लिए सड़क है। ग्रामीण आज भच् कच्चे रास्ते से होकर अपने गांव तक पहुंचते हैं। बारिश के मौसम में को कीचड़ से पटच् कच्ची सड़कें मुसीबत का कारण बन जाती हैं। सड़क के साथ इस पंचायत के किसान ¨सचाई की समस्या से भी जूझ रहे हैं। किसान बताते हैं कि पूरे पंचायत क्षेत्र में एक भी सरकारी नलकूप नहीं लगाया गया है। ऐसे में इस पंचायत के किसानों की खेती मानसून पर ही निर्भर बन रह गई है। समय से बारिश हुई तो किसानों के घर अनाज से भर जाते हैं। नहीं तो किसानों को निराशा ही हाथ लगती है। ¨सचाई के साथ इस पंचायत के लोग पेयजल की समस्या से भी जूझते हैं। ग्रामीण बताते हैं कि पूरे पंचायत क्षेत्र में मात्र तीन चापाकल ही लगाए गए हैं। ग्रामीणों की प्यास अपने अपने घर में लगाए गए निजी चापाकल से ही बुझती है। हालांकि इस पंचायत मच् बच्चों को पढ़ने के लिए सरकारी विद्यालय के साथ आंगनबाड़ी केंद्र भी है। लेकिन इनकी बदहाल दशा परेशानी कारण बनी हुई है। इस पंचायत के खैरटिया गांव में उत्क्रमित विद्यालय पंचायत भवन में चलता है और ग्राम कचहरी सामुदायिक भवन से संचालित होती है। आंगनबाड़ी केंद्र के लिए भवन बनने के बाद भी सेविकाएं अपने घरों में ही केंद्र का संचालन करती हैं। ग्रामीण बताते हैं कि तरउ चक के आंगनबाड़ी केंद्र भवन में तीन साल से ताला बंद है। यहां की सेविका के घर पर ही केंद्र चलता है।
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क्या कहते हैं ग्रामीण
फोटो फाइल : 20 जीपीएल 2
कैप्शन : हरेराम यादव
इस पंचायत के लिए सड़क की बदहाली सबसे बड़ी समस्या है। मुख्य सड़क से जाने के लिए अधिकांश गांव में सड़क नहीं बनाई गइच् है। कच्चे रास्ते से ही ग्रामीण अपने गांव तक पहुंचते हैं। मुखिया को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।
हरेराम यादव
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फोटो फाइल : 20 जीपीएल 3
कैप्शन : उमेश साह
इस पंचायत में ¨सचाई के लिए सरकार सुविधा के नाम पर एक भी नलकूप नहीं लगाया गया है। पूरी खेती मानसून पर निर्भर बन कर रह गई है। किसान निजी पंप सेट से फसलों की ¨सचाई करते हैं। इससे लागत भी नहीं निकल पाती है।
उमेश साह
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फोटो फाइल : 20 जीपीएल 4
कैप्शन : घरभरण महतो
खैरटिया पंचायत विकास में पिछड़ गई है। इस पंचायत में सड़क से लेकर ¨सचाई की समस्या से लोग जूझ रहे हैं। मुखिया को इन समस्याओं को दूर करने के लिए विशेष प्रयास करना चाहिए।
घरभरण महतो
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फोटो फाइल : 20 जीपीएल 5
कैप्शन : गौरीशंकर साह
सरकारी योजनाओं का लाभ सभी को नहीं मिल पाता है। योजनाओं का लाभ देने में भेदभाव किया जाता रहा है। इंदिरा आवास से लेकर सामाजिक पेंशन योजना से अधिकांश पत्र लोग वंचित हैं। मुखिया को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।
गौरीशंकर साह
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क्या कहती हैं मुखिया
फोटो फाइल : 20 जीपीएल 6
कैप्शन : मुखिया शैला खातून
पंचायत की समस्या से पंचायत सरकार पूरी तरह से अवगत है। मुख्य पथ से गांवों में जाने के लिए सड़क नहीं होना सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। इस समस्या को दूर करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ सभी को मिले इसकी तरफ भी ध्यान दिया जा रहा है।
शैला खातून, मुखिया खैरटिया पंचायत