फोटो- भारतीय जीवन पद्धति में हर दिन उत्सव
भारतीय जीवन पद्धति में हर दिन उत्सव है। इसके बाद भी लोग रोने का बहाना ढूंढ़ते हैं, लेकिन हंसने का बहाना नहीं ढूंढ़ते।
गोपालगंज। भारतीय जीवन पद्धति में हर दिन उत्सव है। इसके बाद भी लोग रोने का बहाना ढूंढ़ते हैं, लेकिन हंसने का बहाना नहीं ढूंढ़ते। ये बातें बैकुंठपुर के हरदिया मोड स्थित काली स्थान पर आयोजित भागवत ज्ञान कथा महायज्ञ के दौरान अश्वमेघ पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर जगतगुरु स्वामी उपेन्द्र परासरजी महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि भारत उत्सवों का देश है। भारत की जीवन पद्धति में हर दिन व हर पल उत्सव है। जन्मोत्सव संगीत, नाच-गान व प्रीतिभोज से शुरू होकर शादी तथा श्मशान की यात्रा तक बाजे-गाजे के साथ भोज की परंपरा चली आ रही है। भारत को समझ पाना, भारत को पढ़ पाना और भारत की समीक्षा कर पाना दूसरे के लिए दिवास्वप्न की बात है। उन्होंने कहा कि उत्सव मनाने के लिए पैसों की नहीं बल्कि हृदय की जरूरत है। अपने घर ना सही पड़ोसी के घर भी उत्सव हो तो उसी में सहर्ष शामिल होकर सहयोग करें व आनंद लें। इससे पूर्व महायज्ञ में श्रद्धालुओं ने हवन कुंड की परिक्रमा किया। इस दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।