प्रशासन की रिपोर्ट, जिले में बाढ़ नहीं
गोपालगंज । भले ही जिले के 41 गांव गंडक नदी के जलस्तर के वृद्धि के बाद बाढ़ की चपेट में हैं
गोपालगंज । भले ही जिले के 41 गांव गंडक नदी के जलस्तर के वृद्धि के बाद बाढ़ की चपेट में हैं। लेकिन प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार अब भी जिले में बाढ़ की स्थिति नहीं है। प्रशासन की ओर से सोमवार को भेजी गई रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि यहां बाढ़ से कोई प्रभावित नहीं है।
शनिवार से ही जिले का एक बड़ा इलाका गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद बाढ़ की चपेट में है। नदी का पानी बढ़ने के कारण आठ पंचायतें पूर्ण रूप में प्रभावित हैं। इन पंचायतों में स्थित गांवों के लोगों की दिनचर्या बदल चुकी है। इन गांवों के लोग सड़क पर बह रहे तीन से चार फिट पानी से होकर जैसे-तैसे बाहर आ रहे हैं। हजारों घरों में भी नदी का पानी प्रवेश कर गया है। प्रभावित गांव के लोग प्रशासन पर उपेक्षा करने तथा अबतक राहत व बचाव कार्य प्रारंभ नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं। कई पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधि भी बाढ़ से प्रभावित परिवारों को राहत उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगा रहे हैं। बावजूद इसके प्रशासनिक स्तर पर 25 जुलाई तक तैयार आंकड़े बताते हैं कि जिले में बाढ़ की स्थिति नहीं है। प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार बाढ़ से कहीं भी कोई नुकसान तक नहीं हुआ है।
यहां चल रहा आंकड़ों का खेल
गोपालगंज : भले ही बाढ़ प्रभावित गांवों के लोग पिछले चार दिन से सांसत झेल रहे हैं। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर अब भी आंकड़ों का ही खेल चल रहा है। 25 जुलाई को प्रशासनिक स्तर पर भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार जिले के किसी भी प्रखंड या पंचायत में बाढ़ नहीं है। इन आंकड़ों के अनुसार ना ही कोई मनुष्य बाढ़ से प्रभावित है और ना ही पशु। ऐसे में किसी भी व्यक्ति को राहत उपलब्ध नहीं कराया गया है।
सिर्फ सरकारी नाव चलाने का दावा
गोपालगंज : प्रशासनिक स्तर पर सदर प्रखंड के अलावा कुचायकोट व बैकुंठपुर प्रखंड में सरकारी नाव चलाने का ही दावा किया जा रहा है। प्रशासनिक दावों में निजी नाव का कोई भी जिक्र नहीं है। जबकि धरातल पर निजी नाव के सहारे ही पानी से घिरे गांवों के लोग गांव से बाहर निकल पा रहे हैं।
बंद स्कूलों का भी नहीं है जिक्र
गोपालगंज : शिक्षा विभाग के प्रतिवेदन के अनुसार करीब दो दर्जन स्कूलों में नदी का पानी प्रवेश कर जाने से पठन पाठन बंद हो गया है। लेकिन आपदा विभाग के आंकड़ों में पानी प्रवेश करने के कारण स्कूलों के बंद होने का कोई भी जिक्र नहीं है।