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यहां कागज में चल रहा भूकंप सुरक्षा सप्ताह

गोपालगंज । सरकार द्वारा घोषित भूकंप सुरक्षा सप्ताह कागजों तक सिमट कर रह गया है। अभियान शुरु हुए तीन

By Edited By: Published: Tue, 17 Jan 2017 04:27 PM (IST)Updated: Wed, 18 Jan 2017 01:16 AM (IST)
यहां कागज में चल रहा भूकंप सुरक्षा सप्ताह
यहां कागज में चल रहा भूकंप सुरक्षा सप्ताह

गोपालगंज । सरकार द्वारा घोषित भूकंप सुरक्षा सप्ताह कागजों तक सिमट कर रह गया है। अभियान शुरु हुए तीन दिन का समय गुजर चुका है। लेकिन इस अवधि में ना ही कहीं साइकिल रैली आयोजित हुई और ना ही स्कूल, कालेज, थाना व पंचायत स्तर पर कोई कार्यक्रम आयोजित हुए। बात यहीं समाप्त नहीं हुई। आपदा प्रबंधन विभाग ने 15 से 21 जनवरी के बीच आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को लेकर कोई रुचि भी नहीं दिखाई।

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आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों ने बताया कि सरकार ने प्रत्येक जिले में भूकंप सुरक्षा सप्ताह मनाने का का निर्णय लिया है। इसके तहत राज्य स्तर से लेकर जिला स्तर पर भूकंप आने की स्थिति में बचाव से लेकर लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया है। इस कार्यक्रम को लेकर गत वर्ष कई स्थानों पर कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया था। लेकिन इस साल इस मौके पर लोगों को जागरूक करने के दिशा में एक भी कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ। कार्यक्रम के तहत 15 जनवरी को जिला स्तर पर साइकिल रैली का आयोजन करना था। लेकिन यहां यह कार्यक्रम आयोजित नहीं हो सका। इसके अलावा 15 से 21 जनवरी तक निर्धारित स्कूलों से लेकर पंचायत व थाना स्तर पर आयोजित होने वाली दौड़, वाद विवाद, निबंध लेखन तथा पोस्टर लगाने जैसे कार्यक्रमों का आयोजन अबतक प्रारंभ नहीं हो सका है।

चौथे जोन में है गोपालगंज जिला

गोपालगंज : आपदा प्रबंधन विभाग की मानें तो गोपालगंज जिला भूकंप के चौथे जोन की श्रेणी में आता है। इस जोन में भूकंप आने की स्थिति में अधिक क्षति पहुंच सकती है। विभाग की मानें तो यह जोन प्रबल भूकंप की संभावना रखता है। जिससे हर जगह हड़कंप मच जाता है। भारी फर्नीचर इधर-उधर हो जाते हैं। ऐसे भूकंप से अच्छे डिजाइन, निर्माण वाली संरचनाओं, इमारतों में मध्यम दर्जे की क्षति हो सकती है। जबकि खराब निर्माण वाली संरचनाओं को भारी क्षति हो सकती है। इसके अन्य प्रभावों में खड़ी ढ़ालों पर भू-स्खलन, जमीन में कुछ सेंटी मीटर चौड़ी दरारें पड़ना तथा पानी का गंदला होना शामिल है।

जानिये, कैसे होगा बचाव

* घरेलू सामान जैसे अलमारी, आईना, बुक केस आदि को दीवारों से जोड़कर रखें, जिससे भूकंप के दौरान ये गिरे नहीं।

* भवन का निर्माण प्रशिक्षित अभियंता की सलाह से कराएं।

* आ‌र्श्वस्त हों कि आपका मकान सुरक्षित है, यदि नहीं तो दक्ष अभियंता के सुझावों से रेट्रोफि¨टग द्वारा उसे भूकंप रोधी बनाएं।

* भूकंप आने से पहले कोई चेतावनी नहीं देता। ऐसे में बचाव के सुझाव पर अमल करें।

* पानी की बोतलें, बैटरी से चलने वाला रेडियो, सूखा भोज्य पदार्थ, रोजमर्रा की दवाइयां आसानी से मिलने वाले जगह पर रखें।

* भूकंप के दौरान मजबूत चौकी या पलंग के नीचे, दरवाजे के बीच या कोने में खड़े हों।

* भूकंप के दौरान अगर आप प्रेक्षागृह, छवि गृह या सभागार में हों तो अंदर ही रुकें। दोनों हाथों से सिर को ढक लें तथा भूमि का कंपन शांत होने पर कतारबद्ध होकर बाहर निकलें।

* भूकंप के दौरान अगर आप बाहर हों या वाहन चला रहें हों तो वाहन सड़क के किनारे रोक दें। होर्डिंग या खंभा के नीचे खड़ा न हों।

क्या न करें

* घबराहट में इधर-उधर न भागे।

* भूकंप के दौरान दरवाजे के रास्ते में न खड़े हों।

* खाना पकाने की गैस या बिजली से चलने वाले उपकरणों का प्रयोग न करें।

* टूट कर गिरने वाले दीवारों, बिजली की तारों, मलवों तथा पेड़ के पास न जाएं।

* क्षतिग्रस्त मकानों में प्रवेश न करें।

* गगनचुंबी इमारतों में लिफ्ट का प्रयोग न करें।

* भूकंप रुकने के तत्काल बाद माचिस, मोमबत्ती या लालटेन न जलाएं।


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