अब भी 812 स्कूलों में अतिरिक्त वर्ग कक्ष का निर्माण अधूरा
गोपालगंज। शिक्षा विभाग का खेल भी निराला है। इस विभाग में इन दिनों कार्य प्रगति पर का खेल खेला जा
गोपालगंज। शिक्षा विभाग का खेल भी निराला है। इस विभाग में इन दिनों कार्य प्रगति पर का खेल खेला जा रहा है। चाहे अतिरिक्त वर्ग कक्ष के निर्माण का मामला हो या नव सृजित विद्यालयों के भवन निर्माण का, चाहे कस्तूरबा बालिका विद्यालयों के निर्माण का मामला हो या विद्यालयों में किचेन शेड व शौचालयों के निर्माण का। यहां कार्य प्रगति पर का खेल बदस्तूर जारी है। आला अधिकारियों की भी नजर इस विभाग की खेल की ओर नहीं है और इस खेल में विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे पीस रहे हैं।
शिक्षा विभाग के सूत्रों की मानें तो वर्ष 2011-12 से लेकर वर्ष 2014-15 तक जिले के तमाम प्रारंभिक विद्यालयों में बच्चों की अधिक संख्या को देखते हुए 2425 अतिरिक्त वर्ग कक्ष का निर्माण कराने को स्वीकृति दी गयी। इस मद में विद्यालयों को राशि का भी आवंटन कर दिया गया। लेकिन हद तो यह कि तमाम प्रयासों के बाद भी केवल 1582 अतिरिक्त वर्ग कक्षों के निर्माण कार्य ही पूर्ण कराया जा सका। शेष 812 अतिरिक्त वर्ग कक्ष का निर्माण कार्य लंबी अवधि के बाद भी पूर्ण नहीं हो सका है। हां विभाग तीन साल बाद भी कार्य प्रगति पर है का खेल जरुर खेल रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा असैनिक कार्य की सुस्ती यहीं समाप्त नहीं होती। वर्ष 2012-13 में प्रारंभ किये गये नवसृजित विद्यालयों के भवन निर्माण की रफ्तार इतनी सुस्त है कि अब भी 65 में से पांच विद्यालयों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका है।
इनसेट
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38 स्कूलों में किचेन शेड अधूरे
गोपालगंज : भवनों के निर्माण में सुस्ती का एक अन्य नमूना विद्यालयों में किचेन शेड का निर्माण अधूरा होना है। शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार अब भी जिले के 38 विद्यालयों में किचेन शेड का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। जबकि कई विद्यालयों में किचेन शेड निर्माण के लिए भूमि का अभाव है।