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भूकंप के झटके से चिमनी गिरी, चार घर ध्वस्त

जागरण टीम(गोपालगंज): शनिवार को दिन के 11.45 बजे से करीब दो मिनट तक भूकंप के तेज झटका महसूस किया गया।

By Edited By: Published: Sun, 26 Apr 2015 12:58 AM (IST)Updated: Sun, 26 Apr 2015 12:58 AM (IST)
भूकंप के झटके से चिमनी गिरी, चार घर ध्वस्त

जागरण टीम(गोपालगंज): शनिवार को दिन के 11.45 बजे से करीब दो मिनट तक भूकंप के तेज झटका महसूस किया गया। जिससे पूरे जिले मे अफरा तफरी मच गयी। लोग अपने घरों और दुकानों से बाहर भागने लगे। इस झटके के बाद करीब 12.18 बजे फिर भूकंप का झटका महसूस किया गया। भूकंप के झटके से कटेया व कुचायकोट प्रखंड में चार घर ध्वस्त हो गए। इसके साथ ही पूरे जिले में दर्जनों मकानों की दीवार दरक गयी है।

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कई बहुमंजिल इमारतें भूकंप के झटके से झुक गयी। कुचायकोट में सड़कें में दरारें उभर आयी। इस दौरा मांझा, भोरे और बरौली में घरों की दीवार गिरने से मलबे से दबकर आधा दर्जन लोग घायल हो गए। भूकंप के झटके बाद से पूरे दिन शहर से लेकर गांव तक में लोगों के बीच अफरा तफरी का माहौल बना रहा। लोग अपने परिजनों के पास फोन कर उनका कुशल क्षेम जानने के लिए पूरे दिन व्याकुल रहे। काल का दबाव बढ़ने से मोबाइल सेवा का नेटवर्क जबाव दे गया। इस बीच अफवाहें भी उड़ती रही। इन अफवाहों में रात में फिर से भूकंप आने की बात से लोगों के बीच दहशत का माहौल बना रहा।

शनिवार को हर दिन की तरह लोग काम काज पर निकले थे। तभी दिन के करीब 11.45 बजे अचानक घर से लेकर आफिस में तेज कंपन शुरू हो गया। कुछ देर तो किसी के समझ में कुछ नहीं आया। लेकिन कुछ पल में ही यह एहसास हो गया कि भूकंप का झटका आया है। लोग अपने अपने घरों, दुकानों और आफिस से निकल कर बाहर भागने लगे। जिससे पूरे जिले में अफरा तफरी मच गयी। भूकंप का पहला झटका करीब दो मिनट तक रहा। लेकिन इसके काफी देर बाद तक लोग अपने घरों और आफिस में जाने से डरते रहे।

आधा घंटे बाद लोग फिर से अपने काम काम में जूट गये। लेकिन तभी दिन के करीब 12.18 बजे फिर से भूकंप का झटका महसूस होने पर लोग फिर अपना घर और आफिस छोड़ कर बाहर निकल जाए। हालांकि यह झटका तेज नहीं था और कुछ सेकंड ही रहा। लेकिन दोबारा भूकंप का झटका आने से लोग पूरे दिन दशहत में रहे। शहर से लेकर गांव तक अफरा तफरी का माहौल बना रहा।

शहर से लेकर गांव तक हुआ नुकसान

गोपालगंज: भूकंप के झटके से शहर से लेकर गांवों में कई मकान ध्वस्त हो गये। शहर में भूकंप के झटके से कलेक्ट्रेट भवन में दरार पड़ गयी। इसके साथ ही कई घरों के दीवारों में दरारें उभर आयी है। सदर अस्पताल तथा जादोपुर पथ स्थिति दो बहुमंजिले इमारत भी झुक गए हैं। वहीं हथुआ में मछागर गांव निवासी गोरख लाल के घर की दीवार गिर गयी।

कुचायकोट में राजेंद्र प्रसाद की ईट भट्ठे की चिमनी गिर गयी। इसी प्रखंड के ढेबवां गांव की सड़क में भी दरारें उभर आयी हैं। तारा नरहवां गांव में अरविंद शर्मा तथा भीखी राम का मकान ध्वस्त हो गया। बरनइयां राजाराम में चंद्रिका शर्मा की तीन मंजिला मकान झुक गया है, यह कभी भी ध्वस्त हो सकता है। कटेया मे करमैनी गांव निवासी सुगन ठाकुर का करकट का मकान ध्वस्त हो गया है। भूकंप के झटके से शहर से लेकर गांवों तक दर्जनों मकानों की छत तथा दीवार भी दरक गए हैं।

बरौली के कोटवा की ¨रकू देवी घर की दीवार गिरने से घायल हो गयी। इसी गांव में एक अन्य घर की दीवार गिर जाने से इंदू देवी भी घायल हो गयी। बरौली के ही चौबे टोला निवासी अनूज कुमार भूकंप के झटके से बाइक सहित गिर जाने से घायल हो गए। मांझा, विजयीपुर, भोरे में भी घर की दीवार गिरने से कई लोग घायल हो गए। हालांकि किसी के हताहत नहीं होने से लोगों ने राहत की सांस ली है।

नेटवर्क फेल, उड़ती रही अफवाह

गोपालगंज: भूकंप के झटके के बाद लोग अपने घर परिवार से लेकर रिश्तेदारों को कुशल क्षेम पूछने के लिए मोबाइल से उनसे संपर्क करने में जुट गए। लेकिन तभी मोबाइल कंपनियों को नेटवर्क सेवा भी जबाव दे गया। जिससे एक दूसरे से संपर्क नहीं होने के कारण अफवाह को दौरान भी शुरू हो गया। कभी किसी गांव में मकान ध्वस्त होने की अफवाह उड़ती रही तो कभी मकान में दबकर किसी के मरने की। ऐसी स्थिति काफी देर तक बनी रही। लेकिन बाद में धीरे धीरे कर मोबाइल कंपनियों को नेटवर्क काम करने लगा और एक दूसरे से संपर्क होने के बाद अफवाह का दौरान भी थम गया।


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