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आधी राह भी नहीं पहुंच सकी धान खरीद

जागरण संवाददाता, गोपालगंज : पैक्सों के माध्यम से धान क्रय का अभियान तो चला। लेकिन यह अभियान अपने अंज

By Edited By: Published: Wed, 01 Apr 2015 01:05 AM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2015 01:05 AM (IST)
आधी राह भी नहीं पहुंच सकी धान खरीद

जागरण संवाददाता, गोपालगंज : पैक्सों के माध्यम से धान क्रय का अभियान तो चला। लेकिन यह अभियान अपने अंजाम तक नहीं पहुंच सका। आंकड़े बताते हैं कि तमाम प्रयास के बाद भी लक्ष्य के विरुद्ध आधी उपलब्धि भी हासिल नहीं हो सकी है। धान क्रय की मियाद मंगलवार को पूर्ण होने के बाद तक महज 30,441 मीट्रिक टन धान का क्रय होना अभियान की विफलता की कहानी बताने के लिए काफी है।

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विभागीय सूत्र बताते हैं कि वर्तमान वर्ष में 15 नवम्बर से जिले में धान क्रय का अभियान शुरू किया गया। इस अभियान के लिए जिले में 76 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह धान जिले में स्थित 234 पैक्सों, व्यापार मंडल तथा राज्य खाद्य निगम के 14 क्रय केन्द्रों के माध्यम से खरीदे जाने का निर्णय लिया गया। अभियान की शुरुआत बेहतर तरीके से हुई। धान खरीद अभियान उद्घाटन के बाद धान की खरीद में सुस्ती का आलम यह रहा कि जिले में स्थित 45 पैक्सों ने एक किलोग्राम भी धान का खरीद नहीं किया। धान खरीद की मियाद पूर्ण होने तक 30,441 मीट्रिक टन ही धान क्रय होने के पीछे बड़ा कारण 45 पैक्सों द्वारा धान का क्रय नहीं करना भी है। विभागीय दावे की मानें तो जिले के 234 में से 218 पैक्स को ही धान क्रय का लाइसेंस निर्गत किया गया था। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर दबाव नहीं होने के कारण लाइसेंस प्राप्त 29 पैक्सों ने एक किलो भी धान का क्रय नहीं किया।

एसएफसी भी धान क्रय में पीछे

गोपालगंज : धान की खरीद में इस साल एसएफसी काफी पीछे दिख रहा है। आंकड़े बताते हैं कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में एसएफसी के माध्यम से 16 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद किये जाने का लक्ष्य निर्धारित है। लेकिन अबतक एसएफसी के 14 क्रय केन्द्रों के माध्यम से चार हजार मीट्रिक टन से भी कम धान की खरीद की जा सकी है।

नमी के नाम पर किसानों का शोषण

गोपालगंज : धान खरीद का लक्ष्य पूर्ण नहीं होने के पीछे एक अन्य बड़ा कारण नमी के नाम पर किसानों को शोषण भी रहा। हालत यह रही कि 31 जनवरी तक कई पैक्स नमी के नाम पर किसानों का धान लेने से इन्कार करते रहे। ऐसे में रबी अभियान में पैसों की दरकार को देखते हुए किसान अपना धान खुले बाजार में बेचने को विवश हुए। ज्ञातव्य है कि विभाग 17 प्रतिशत से कम नमी वाले धान को ही खरीदने का निर्देश जारी किया है।

खुले बाजार में शोषण

गोपालगंज : किसानों का धान पैक्स या एसएफसी के क्रय केन्द्र पर नहीं लिये जाने के कारण किसान खुले बाजार में धान बेचने को विवश हुए। धान बेचने बाजार में पहुंचने वाले किसानों को शोषण होता रहा। सरकार ने किसानों को प्रति क्विंटल साधारण धान 1380 रुपये तथा ए ग्रेड का धान 1400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदने का निर्णय लिया था। लेकिन पूरे साल किसान एक हजार से 11 सौ रुपये प्रति क्विंटल की दर से बाजार में धान बेचने को विवश हुए।

कहते हैं किसान

गोपालगंज : कटेया के मुकेश कुमार कहते हैं कि धान क्रय के नाम पर पैक्सों की मनमानी के कारण वे बाजार में धान बेचने को विवश हुए। उन्होंने बताया कि दिसम्बर से जनवरी तक वे पैक्स पर दौड़ लगाते रहे, लेकिन पैक्स हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर उनका धान नहीं खरीदा। कटेया के महेश पाण्डेय, पंचदेवरी के विकास चन्द्र, थावे के मोहन प्रसाद, बलथरी के आमोद राय, सोनवर्षा गांव के सुनील साह जैसे कई किसानों ने धान खुले बाजार में बेचे जाने के पीछे पैक्सों द्वारा धान का क्रय समय से नहीं करने की बात कही। किसानों का कहना है कि उन्हें दिसम्बर में पैसों की अधिक जरूरत होती है। लेकिन पैक्स दिसम्बर में धान लेने को तैयार नहीं थे। ऐसे में उन्हें खुले बाजार में धान बेचना पड़ा।

कहते हैं अधिकारी

धान में नमी के कारण ठंड के मौसम में धान क्रय करने में कुछ परेशानी हुई। यही कारण रहा कि इस साल धान क्रय लक्ष्य के अनुसार नहीं हो सका।

संजीव कुमार

जिला प्रबंधक, एसएफसी


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