अब मच्छरों से जंग खुद लड़िये जनाब
जागरण संवाददाता, गोपालगंज : रात तो रात अब तो दिन में भी परेशान कर रहे मच्छरों और मक्खियों से निजात प
जागरण संवाददाता, गोपालगंज : रात तो रात अब तो दिन में भी परेशान कर रहे मच्छरों और मक्खियों से निजात पाने के लिए अगर आप विभागीय पहल की उम्मीद पाले हों तो उसे अब भूल जाइए। मलेरिया और कालाजार नियंत्रण के नाम पर ही सही, मच्छर और मक्खी मारने का विभागीय प्रयास इस बार कागजों तक ही सिमट गया है। ऐसे में मच्छर और मक्खी से इस बार जंग लोगों को खुद अपने दम पर ही लड़नी होगी।
जिले में मलेरिया और कालाजार रोकथाम के लिए विभागीय स्तर पर प्रत्येक साल फरवरी और मार्च तथा मई और जून माह में डीडीटी का छिड़काव कराया जाता था। लेकिन डीडीटी का छिड़काव कागजों में ही सिमट कर रह गया। ऐसा तब है जबकि जिला स्वास्थ विभाग ने बीते जनवरी और फरवरी माह में सभी प्रखंडो के छिड़काव कर्मियों को डीडीटी छिड़काव के लिए प्रशिक्षित भी किया। डीडीटी के छिड़काव को कार्यक्रम भी बना। लेकिन कुछ चयनित गांवों तक ही डीडीटी का छिड़काव कर कार्यक्रम को समाप्त कर दिया गया।
अभी भी है कालाजार के मरीज
गोपालगंज: जिले में कालाजार के रोगियों की संख्या में कमी नहीं है। प्रत्येक वर्ष की तरह गत वर्ष भी कालाजार व मलेरिया से पीड़ित रोगियों की संख्या सामने आयी थी। बावजूद इसके विभागीय स्तर पर कालाजार व मलेरिया की रोकथाम के दिशा में समूचित प्रयास नहीं किया गया।
बचना हो तो मच्छरदानी लगाएं
गोपालगंज: डीडीटी का छिड़काव कागजों में ही सिमट जाने से रात के साथ ही अब दिन में भी मच्छरों और मक्खियों को प्रकोप बढ़ गया है। ऐसे में मच्छर से बचने के लिए कम से कम सोते समय तो मच्छरदानी जरूर लगाएं। चिकित्सक बताते हैं कि मलेरिया और कालाजार मच्छरों और मक्खियों के काटने से ही बढ़ता है। ऐसे में इनसे बचने के लिए किए गए प्रयास के बाद भी अगर बुखार कई दिनों से नहीं उतरे, शरीर का वजन घटने लगे या शरीर काला पड़ने लगे तो फौरन अच्छे डाक्टर से अपना इलाज करायें।