चीनी मिलों पर किसानों का 127 करोड़ बकाया
जागरण संवाददाता, गोपालगंज : किसान हाड़ तोड़ मेहनत कर गन्ने की फसल उगाते हैं। गन्ना तैयार होने पर उन्हे
जागरण संवाददाता, गोपालगंज : किसान हाड़ तोड़ मेहनत कर गन्ने की फसल उगाते हैं। गन्ना तैयार होने पर उन्हें चीनी मिलों तक पहुंचाने का कार्य भी किसानों के जिम्मे ही है। लेकिन जब पैसा प्राप्त करने का समय आता है तो वे मिल प्रबंधन के चक्कर में फंसने को विवश हो जाते हैं। आंकड़े गवाह हैं कि चीनी मिलों में पेराई सत्र समाप्त होने के करीब एक माह बाद भी किसानों को मिलों के जिम्मे अकेले वर्ष 2014-15 में 127 करोड़ रुपया बकाया है। हद तो यह कि जिले में स्थित चीनी मिलें पूर्व के वर्ष के बकाये राशि का भी भुगतान नहीं कर रही है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिले के किसान चार चीनी मिलों को अपना गन्ना उपलब्ध कराते हैं। लेकिन प्रति वर्ष किसानों को अपने गन्ने की राशि प्राप्त करने के लिए पूरे एक साल तक मशक्कत करनी पड़ती है। कई किसान ऐसे भी हैं कि पूरे साल बाद भी उनका पैसा मिल से नहीं मिल पाता है। आंकड़े गवाह हैं कि पूर्व के वर्ष का पैसा बाकी रखने में सासामुसा चीनी मिल टाप पर है। इस मिल में अकेले वर्ष 2013-14 का 119.80 लाख रुपया बकाया है। वर्तमान वर्ष के बकाये पर नजर डालें तो भारत शुगर मिल सबसे बड़ा बकायेदार है। अबतक इस मिल के जिम्मे किसानों का 57 करोड़ 57 लाख रुपया बाकी है।
अधिकारियों का निर्देश बेअसर
गोपालगंज : प्रशासनिक स्तर पर हमेशा चीनी मिल के अधिकारियों को बकाये राशि का भुगतान देने के लिए आदेश दिये जाते हैं। लेकिन मिल प्रबंधन वरीय अधिकारियों के निर्देश को भी नहीं मानते। आंकड़ों की मानें तो अकेले पिछले वर्ष जनता दरबार में सासामुसा चीनी मिल पर बकाये राशि के भुगतान के लिए 1200 से अधिक आवेदन आये। निर्देश के बाद भी इनमें से कई आवेदनों का निष्पादन मिल प्रबंधन नहीं कर सका।
किस मिल पर कितना बकाया
मिल बकाया राशि लाख में
सासामुसा 5757.65
गोपालगंज 3671.74
सासामुसा 2158.05
प्रतापपुर 1174.34
कुल 12761.78