अच्छे विचारों से किया गया कार्य ही धर्म
संवाद सूत्र, भोरे गोपालगंज) : भोरे में चल रहे श्री मद् भागवत कथा सप्ताह के पांचवे दिन मंगलवार को श्र
संवाद सूत्र, भोरे गोपालगंज) : भोरे में चल रहे श्री मद् भागवत कथा सप्ताह के पांचवे दिन मंगलवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। इस दौरान मुख्य प्रवचन कर्ता गोस्वामी विजेंद्र मोहन ने कहा कि अच्छे विचारों से किया गया कार्य ही धर्म है। बुरे विचारों से किया गया कार्य अधर्म है। महाभारत में पांडवों का युद्ध भी धर्म था। जबकि दक्ष प्रजापति के यज्ञ का आयोजन अधर्म था, क्योंकि वहां विचार अच्छे नहीं थे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जीव को उसका कर्म ही दंड देता है। व्यक्ति जैसा कर्म करेगा। उसका कर्म उसे भोगना ही पड़ता है। इसलिए जीव को हमेशा अच्छे कर्मो की तरफ प्रवृत होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि धन भी तभी सुखदायी हो सकता है जब वह धर्म सम्मत हो, नहीं तो येनकेन धन संग्रह का फल हमेशा दुखदायी होता है। इस संदर्भ में उन्होंने एक दूध बेचने वाले का प्रसंग सुनाया। जिसमें दूध में मिलावट कर चांदी की गगरी खरीदने के बावजूद आखिर पानी की कीमत पर खरीदी गयी गगरी पानी में डूबकर विलीन हो गयी। प्रवचन के दौरान वे भजनों से भी बीच बीच में श्रद्धालुओं को भाव विभोर करते रहे। आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि भगवत कथा सप्ताह का तीस जनवरी को समापन होगा।