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राज को छुपाने के लिए तो नहीं की गयी समीर की हत्या

By Edited By: Published: Fri, 22 Aug 2014 01:05 AM (IST)Updated: Fri, 22 Aug 2014 01:05 AM (IST)
राज को छुपाने के लिए तो नहीं की गयी समीर की हत्या

जागरण न्यूज नेटवर्क(गोपालगंज) : बरौली थाना के बखरौल के गांव के दलोन उलुम इस्लामियां गरीब नवाज मदरसा में मांझा के सरेया अख्तेयार निवासी छात्र समीर की हत्या कहीं किसी राज को छुपाने के लिए तो नहीं की गयी थी, इसकी तरफ शक की सुई घुमने लगी है। इस बीच मदरसा में छात्र की हत्या से आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क को जाम कर दिया। ग्रामीण छात्र के हत्यारों का पता लगाकर उनको गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। बुधवार की देर शाम मदरसा के छात्र समीर की हत्या उस समय की गयी थी, जब उसी मदरसे में मगरीफ का नमाज अदा हो रहा था। इसी बीच कातिलों ने बड़े ही निर्मम तरीके से धारदार हथियार से मासूम की हत्या कर दी और किसी इसकी भनक तक किसी को नहीं लगी। इस घटना को लेकर पूरे इलाके में चर्चा का बाजार गरम हो गया है। लोगों के बीच चल रही चर्चाओं की मानें तो किसी बड़े राज का छात्र समीर को पता चल गया था। इस राज को छुपाने के लिए ही कहीं उसकी हत्या तो नहीं कर दी गयी। हालांकि पुलिस इस घटना के संबंध में कुछ भी बताने से परहेज कर रही है। पुलिस हत्या के एक एक बिंदुओं पर खंगाला रही है। पुलिस का दावा है कि हत्यारा जल्द ही उसकी गिरफ्त में आ जाएगा। इस दौरान बरौली के थानाध्यक्ष मुन्ना कुमार और मांझा थानाध्यक्ष संतोष कुमार ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल की बारीकी से जांच पड़ताल किया। पुलिस कुछ लोगों से पूछताछ भी कर रही है। पुलिस सूत्रो की मानें तो पूछताछ के दौरान यह बात सामने आया है कि जिस समय समीर की हत्या की गयी है, उसी समय मदरसा में मगरिफ की नमाज अदा हो रही थी। उसी समय मदरसा के मौलाना व शिक्षक मदरसा से गायब थे। इधर समीर की हत्या के बाद मदरसा के छात्रों में भय का माहौल है। गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस वहां कैंप कर रही है।

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पहले ही उठ चुका था पिता का छाया

मांझा(गोपालगंज): हत्यारे का शिकार बना मांझा थाना क्षेत्र के सरेया अख्तेयार निवासी समीर के सिर से पिता का छाया बचपन में ही उठ गया था। आर्थिक तंगी के कारण समीर की मां जामू नेशा उसे मदरसा में पढ़ने के लिए भेज दिया था। समीर की हत्या के बाद उसकी मां विक्षुब्ध होकर बार बार गिर पड़ रही है। तीन भाइयों में समीर मंझला था। बड़ा भाई एजाज(15), छोटा भाई प्रिंस(5) और एक छोटी बहन है। आर्थिक तंगी के कारण समीर की मां ने उसे मदरसा में पढ़ने के लिए रख दिया था, ताकि एक अच्छा तामिल हासिल कर सके। लेकिन उन्हें क्या पता था कि एक दिन तालिम की जगह उसकी हत्या हो जाएगी।

मदरसा की जमीन को लेकर भी चल रहा था विवाद!

मांझा(गोपालगंज): मदरसा के लिए उसी गांव के रज्जाक मियां ने जमीन दान में दी थी। जहां पर 93 में मदरसा का निर्माण हुआ था। ग्रामीणों की मानें तो रज्जाक मियां के परिजनों द्वारा अपनी जमीन होने की दावेदारी करते हुए न्यायालय में मुकदमा दायर किया है। जिसको लेकर मदरसा प्रबंधन और रज्जाक मियां के बीच विवाद चल रहा है। फिलहाल पुलिस इस पहलू की भी जांच पड़ताल कर रही है। घटना का अंजाम कहीं जमीनी विवाद तो नहीं है। फिलहाल पुलिस इसकी जांच पड़ताल कर रही है। मामला खैर जो भी हो पुलिस मामले की गहराई तक जानने के लिए हर पहलुओं पर जांच पड़ताल कर रही है।

मदरसा में सुरक्षा बल तैनात

बरौली : बखरौर गांव स्थित मदरसा में बच्चे की हत्या के बाद गुरुवार को मदरसा की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई। बखरौर गांव व मदरसा परिसर पुलिस छावनी में तब्दील रहा। बरौली, मांझा व सिधवलिया थाने की पुलिस गांव में तैनात रही। गुरुवार को मदरसा में छात्रों के पठन-पाठन का कार्य बंद रहा। घटना स्थल पर मौजूद एएसपी सुरक्षा व्यवस्था की मानिटरिंग कर रहे थे। इसके अलावा किसी भी स्थिति से निपटने के लिए गांव में वज्र वाहन को लगाया गया है।

नम आंखों से समीर को किया सुपूर्द-ए-खाक बरौली(गोपालगंज) : मासूम की हत्या के बाद गांव वालों ने नम आंखों से समीर को मिट्टी दिया। आंखों में आंसू और चेहरे पर गम की कसक लिये समीर के परिजन बखरौर गांव स्थित कब्रिस्थान में शव को सुपूर्द-ए-खाक के लिए पहुंचे। ग्रामीणों के साथ प्रशासनिक अधिकारी भी मासूम को मिट्टी देने के लिए कब्रिस्तान पहुंचे थे।


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