बाढ़ से मची तबाही
जागरण संवाददाता, गोपालगंज : गंडक नदी के जलस्तर बढ़ने के साथ ही रामचन्द्रपुर रिंग बांध के टूटने से जिले के बीस पंचायत बाढ़ की चपेट में हैं। इन पंचायतों की में 75,750 लोग बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। प्रशासनिक स्तर पर बाढ़ प्रभावित इलाकों में 33 नावों के परिचालन का दावा किया गया है।
पिछले सप्ताह से गंडक नदी तबाही मचाई हुई है। जिसे के 66 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इस बीच प्रशासनिक ने भी जिले के सात पंचायत को बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित होने की बात स्वीकारी है। प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार इनमें से 13 पंचायत के कुछ गांवों में ही बाढ़ का असर है। आपदा प्रबंधन विभाग के दावे को मानें तो पूरे जिले में 45 गांव के 75,750 बाढ़ से पूरी तरह से प्रभावित हुए हैं। प्रभावित परिवारों के लोगों के बीच अबतक 2250 पोलिथीन सीट का वितरण किया गया है। प्रशासनिक आंकड़ों की मानें तो बाढ़ से पशुओं के प्रभावित होने का आंकड़ा शून्य है।
11 सरकारी नाव चलाने का दावा
गोपालगंज : भले ही जिले के 45 गांवों में बाढ़ का पानी फैलने का दावा आपदा प्रबंधन विभाग ने किया है। लेकिन विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रभावित गांवों में सिर्फ 11 सरकारी नावों का ही परिचालन किया जा रहा है। इनके अलावा 22 निजी नावों की सेवा लेने का आपदा प्रबंधन विभाग ने दावा किया है। लेकिन 45 गांवों के लोगों को सुविधा मुहैया कराने के लिए केवल 33 नावों की उपलब्धता प्रभावित गांवों के लोगों की समस्या की जटिलता की ओर इशारा करती है।
45 गांवों में मवेशी की संख्या शून्य
गोपालगंज : आपदा प्रबंधन विभाग के दावों को मानें तो बाढ़ से 75,750 मनुष्य प्रभावित हुए हैं। लेकिन इनके आंकड़ों के अनुसार इन 45 गांवों में पशुओं के प्रभावित होने की संख्या शून्य है। ये आंकड़ों रिपोर्ट की सत्यता पर ही सवाल उठा रहे हैं। बाढ़ प्रभावित लोग बताते हैं कि बाढ़ ग्रस्त दियारा इलाके में पशुओं की संख्या काफी अधिक है। लेकिन आपदा विभाग के आंकड़ों में इन इलाके मे पशुओं की संख्या शून्य दर्शाया है। इधर गैर सरकारी आंकड़ों में दावा किया गया है कि बाढ़ से करीब 18 हजार पशु प्रभावित हुए हैं और दियारा के लोग पशु चारे की समस्या से जूझ रहे हैं।