सऊदी में फंसे युवकों के घर नहीं मनी ईद
जागरण संवाददाता, गोपालगंज : मंगलवार को ईद की जश्न में हर कोई डूबा हुआ था। लेकिन गोपालगंज व सिवान के 23 ऐसे परिवार है जिनके घर खुशियों की जगह सन्नाटा पसरा रहा। इन परिवारों के युवकों को सऊदी अरब के एक निजी कंपनी ने पिछले दो माह से बंधक बनाकर रखा है। बंधक बनाये गये युवकों में कई बीमार हो गये है। उनका इलाज भी नहीं कराया जा रहा है। परिजनों ने अपने बेटे को वतन वापस लाने के लिए जिला प्रशासन से लेकर राजनीतिक दलों के पास गुहार लगायी। लेकिन बंधक बने युवकों को मुक्त कराकर स्वदेश लाने के लिए अबतक कोई पहल नहीं किया गया। इन्हीं में से एक युवक हैं बरौली के पिपरहिया गांव निवासी अली अख्तर के पुत्र इम्तेयाज आलम। बदहाली के कगार पर खड़े इस परिवार की परेशानी दूर करने के लिए इम्तेयाज आलम सऊदी अरब में कमाने गए। लेकिन वहां इन्हें बंधक बना लिया गया। इम्तेयाज के परिजनों की भूख प्यास सब गायब हो गयी है। इम्तेयाज के परिजनों के मुताबिक उन्होंने सूद पर पैसा लेकर बेटे को विदेश में कमाने भेजा था। लेकिन उसे वहां खाने के भी लाले पड़े है। ऐसी हालात में उनकी भी भूख प्यास खत्म हो गयी है। कुछ ऐसी ही स्थिति बंधक बनाये गए जिले से सटे सिवान जिले के मेघवार गांव के अली हुसैन व अब्दुल वाहिद के परिजनों की भी है। परिवार में ईद की कोई रौनक नहीं रही। ईद के दिन इन परिवारों के सदस्यों के आंखों में आसू के सिवाय और कुछ नहीं था। अली हुसैन के पुत्र अरमान और अब्दुल वाहिद के पुत्र मंजूर आलम उन 23 युवकों में शामिल हैं, जिन्हें अलबरगी शहर में बंधक बनाकर रखा गया है। पीड़ित परिजनों ने सरकार और जिला प्रशासन से अपने बेटे को सकुशल वतन वापसी की गुहार लगायी है।