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अनूठा होगा डोभी का जैव विविधता पार्क

गया। कंक्रीट के शहर की अंधी दौड़ में जिले में एक भी ऐसा पार्क नहीं। जहां ज्ञान अर्जन के साथ साथ लो

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Feb 2017 06:59 PM (IST)Updated: Wed, 22 Feb 2017 06:59 PM (IST)
अनूठा होगा डोभी का जैव विविधता पार्क
अनूठा होगा डोभी का जैव विविधता पार्क

गया। कंक्रीट के शहर की अंधी दौड़ में जिले में एक भी ऐसा पार्क नहीं। जहां ज्ञान अर्जन के साथ साथ लोगों को दो पल सुकून से बीत सके। साथ लोगों का मनोरंजन भी हो। इस अंधी दौड़ में विलुप्त होती जा रही पौधों की विभिन्न प्रजातियों को सहेज कर रखने को जिले में कोई स्थान नहीं था। जब इस बात का अहसास सूबे की सरकार को हुई। तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसके प्रति गंभीर हुए। उन्होंने पौधा संरक्षण, पर्यावरण, जल संरक्षण और ज्ञानवद्‌र्ध्रन के परम उद्देश्य को लेकर जिले के डोभी प्रखंड के पिपरघट्टी में जैव विविधता पार्क बनाने की परिकल्पना को आकार देने को सोचा। केवल सोच ही उपज नहीं की। बल्कि उसको मूर्त रूप देने की योजना बनाते हुए इसकी आधारशिला भी रखी। पार्क का निर्माण कार्य पिछले वर्ष शिक्षक दिवस के मौके पर शुरु भी कर दिया गया। यह जैविक विविधता पार्क जब अपने संपूर्ण आकार लेगा। तो ये पार्क सिर्फ डोभी या गया जिले की ही नहीं। बल्कि सूबे का अनूठा पार्क होगा। ---

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58 एकड़ भूमि पर बन रहा पार्क

डोभी को पिपरघट्टी के पास वन विभाग की 57.92 एकड़ जमीन है। जिस पर बनाया जा रहा है। जिस पर जैव विविधता पार्क आकार लेगा। जिसकी परिधि 2963 मीटर है। इस वृहद आकार वाले पार्क की परिधि के अंदर 29 प्रकार के अन्य निर्माण कार्य होंगे। जो इस पार्क निर्माण के प्रोजेक्ट में शामिल हैं।

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लुप्त हो रही प्रजातियों के पौधे होंगे

इस जैव विविधता पार्क के हिस्से में वैसे पौधे होंगे। जो अब विलुप्त होते जा रहे हैं। इन पौधों को यहां जीवित रखा जाएगा। ताकि यहां देश के कोने कोने से आने वाले विद्यार्थी इन पौधों के बारे में अनुसंधान कर सकें। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब इस पार्क निर्माण कार्य की आधारशिला रखने आए थे। तो उनका कहना था कि सूबे के सभी विद्यालयों के बच्चों को शैक्षिक भ्रमण के क्रम में यहां ज्ञानव‌र्द्धन के लिए भेजा जाएगा।

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नयनाभिराम साबित होगा

पार्क में कई हिस्से में रंग बिरंगे फूल के पौधे लगाए जा रहे हैं। पार्क के अंदर इसके लिए कई भाग बनाए गए हैं। छोटे छोटे आकार में बनाए जा रहे पार्क को अलग-अलग नाम देकर नयनाभिराम फूल और इसके पौधे के बीच फूलों को उनके नाम के बारे में बताने हेतु एक नेम प्लेट लगाया जाएगा। ताकि इस पार्क में भ्रमण को आने वाले लोग इन फूल और पौधों के बारे में जान सकें।

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तालाब में नौका सैर की व्यवस्था

पार्क के अंदर तीन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस तालाब बन रहे हैं। जिसमें नौका सैर की व्यवस्था दी गई है। स्वाभाविक है कि यहां भ्रमण को आने वालों को आकर्षक तालाब और नौका सैर अपनी ओर आकर्षित करेगी। जिसका आनंद पार्क घूमने आए लोग ले सकेंगे। विशेषकर बच्चे व नवयुवकों को नौका सैर रोमांचित करेगा।

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किड्स के लिए अलग व्यवस्था

जो दंपती अपने नन्हें मुन्ने बच्चों के साथ इस पार्क में आएंगे। वैसे दंपती के लिए एक विशेष तरह की व्यवस्था यहां दी जा रही है। वो ये कि उनके छोटे-छोटे बच्चों के लिए खेलने के लिए पार्क के एक हिस्से में किड्स प्ले ग्राउंड होगा। जिसमें बच्चों के क्रीड़ा और उन्हें आनंदित करने के कई तरह के खिलौने और सामग्रियों की व्यवस्था होगी।

चार चरण में होना है निर्माण कार्य

पार्क निर्माण के लिए कार्यो को चार चरणों में बांटा गया है। पहले चरण का कार्य लगभग शिलान्यास के वक्त ही प्रारंभ हो चुका था। दूसरे चरण में तालाब, अलग अलग छोटे छोटे पार्क में पौधा रोपण का कार्य हो जाना था। पौधा रोपण लगभग पूरा होने को है। तालाब का निर्माण अधूरा है। तीसरे और अंतिम चरण के कार्य में शिथिलता सी आ गई है। यही वजह है कि 2017 के नये साल की शुरुआत में पार्क पूरी तरह बनकर तैयार नहीं हो पाया।

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नववर्ष का उपहार नहीं मिलने का मलाल

पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के मौके पर 5 सितंबर 2016 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस पार्क के निर्माण कार्य का आधारशिला रखी थी। इस मौके पर सीएम श्री कुमार ने घोषणा की थी कि नए साल 2017 के तोहफे के रूप में यह पार्क लोगों को सौंप दिया जाएगा। लेकिन नए साल के दो महीने पूरे होने को है। कार्य की गति धीमी होने के कारण लोगों में निराशा के भाव उपज रहे हैं।

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कहते हैं रेंजर

'' पार्क का निर्माण कार्य द्रुत गति से जारी है। बीच में कुछ कार्य के लिए निविदा आमंत्रित की गई थी। निविदा की प्रक्रिया अगले 15 दिनों में पूरा हो जाने की उम्मीद है। शेष कार्य को शीघ्र पूरा करा लिया जाएगा। कोशिश है कि जून महीने में पार्क के अधिकांश हिस्से आम लोगों के लिए खोल दिया जाए।

सुधीर कुमार वर्मा, रेंजर, डोभी वन क्षेत्र


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